अब दंगाइयों की खैर नहीं, एयरोस्टेट बैलून रखेगा नजर

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में फिजा बिगाडऩे की साजिश रचने वाले अब सीधे पुलिस की रडार में होंगे। इन पर नजर रखने के लिए परेड में आइआइटी कानपुर द्वारा विकसित एयरोस्टेट बैलून लगाया गया है। 70 मीटर ऊंचाई से यह यतीमखाना की एक-एक गली में हो रही हरकत रिकॉर्ड करने में सक्षम है। अयोध्या फैसले के बाद यह दूसरा मौका है जब पुलिस इस बैलून का प्रयोग कर रही है। एयरोस्पेस बैलून की ये है खासियत आइआइटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग विभाग के प्रोफेसरों ने बैलून को विकसित किया है। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन विजन बेस्ड तकनीक से तैयार बैलून में एचडी कैमरे लगे हैं जो लगातार कई घंटे तक किसी भी बारीक से बारीक गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकते हैं। रिमोट सेंसिंग तकनीक से इसकी दिशा बदली जा सकती है। इसे अधिकतम 140 मीटर ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है। इसमें डे और नाइट विजन के कैमरे लगे हैं जां पांच किमी परिधि की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर सकते हैं। जरूरत पडऩे पर इसका लक्ष्य सिर्फ एक ओर किया जा सकता है। इसमें फेस डिटेक्शन की भी सुविधा है। मसलन कंट्रोल रूम में बैठा शख्स किसी भी चेहरे को जूम कर देख सकता है। बारिश, आंधी-तूफान, बर्फबारी में भी यह कारगर है। फिलहाल यतीमखाना क्षेत्र के ऊपर लगा रहेगा बैलून एसएसपी अनंतदेव ने बताया कि गुरुवार रात बारह बजे गुब्बारे को परेड स्थित क्रिस्टल पार्किंग परिसर में लगाया गया, शुक्रवार को सिर्फ यतीमखाना क्षेत्र पर नजर रखी जानी थी, इसलिए इसे 70 मीटर की ऊंचाई पर रखा है। जुमे की नमाज के दौरान गुब्बारे से ही क्षेत्र की टोह ली गई, आने वाले कुछ दिनों तक यह लगा रहेगा।