दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, लोन दिलाने के नाम पर चालू था ठगी का धंधा

दिल्ली पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इनके कब्जे से 9 मोबाइल के अलावा एक वायरलेस सेट भी बरामद किया है. पकड़ में आए चार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. आरोपियों के नाम अरुण कुमार, सुनील, हिमांशु माहेश्वरी और अंजलि तोमर है.

22 दिसंबर को शाहनवाज नाम के एक शख्स ने साउथ ईस्ट जिले के साइबर थाने में शिकायत दी कि उसे लोन की जरूरत थी और उन्होंने एक दो जगह इंक्वायरी की थी. इसी दौरान उनके पास फोन आया कि उन्हें लोन दिला दिया जाएगा. इसके बाद कभी रजिस्ट्रेशन फीस, कभी लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उनसे 85 हजार ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिया गया.

लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई लोन नहीं मिला. फिर जब पीड़ित ने बार-बार फोन करना शुरू किया तो आरोपियों ने उनके फोन उठाने बंद कर दिए. साइबर थाने ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर तुरंत जांच शुरू कर दी. पुलिस ने उस बैंक के अकाउंट की डिटेल खंगालने शुरू किए जिसमें पैसे ट्रांसफर किए थे. तमाम जांच और टेक्निकल सबूतों के आधार पर पुलिस को रघुवीर नगर इलाके एक एड्रेस के बारे में पता चला. पुलिस की टीम जब रघुवीर नगर इलाके के उस एड्रेस पर पहुंची तो वहां पुलिस ने देखा कि वहां एक पूरा फेक कॉल सेंटर चल रहा है. उस वक़्त मौके पर दो लोग कॉल सेंटर में मौजूद थे उनके नाम अरुण और सुनील थे.

इसके बाद इन लोगों से पुलिस ने पूछताछ की और पूछताछ करने पर पता लगा कि हिमांशु नाम का एक शख्स है जिसने वह खाता मुहैया कराया था जिसमें धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे जमा किए जाते थे. पुलिस जब हिमांशु के पास पहुंची और उसे गिरफ्तार किया तो पता लगा इस पूरे काम में अंजली नाम की एक महिला भी शामिल है. जिसके बाद पुलिस ने अंजलि को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इन सभी के पास से 9 मोबाइल फोन एक लैपटॉप और एक वायरलेस सेट भी बरामद किया है.

पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह लोग एक वेबसाइट से उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाया करते थे जिन्हें लोन की जरूरत हुआ करती थी. उसके बाद सीधे उन लोगों को फोन करके लोन दिलाने का झांसा दिया करते थे और फिर जितनी हो सके उतनी रकम ठगने की कोशिश करते थे. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लोगों ने अब तक कितने रुपयों की ठगी की है.