महिला सशक्तिकरण का नायाब उदाहरण           खाचरौद जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सु श्री जिम्मी बाहेती, तहसील की महिला कोरोना यौद्धा,,,जीसके लिए मानवता की सेवा करने में आत्मीय सुख है 

महिला सशक्तिकरण का नायाब उदाहरण
खाचरौद जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सु श्री जिम्मी बाहेती, तहसील की महिला कोरोना यौद्धा,,,जीसके लिए मानवता की सेवा करने में आत्मीय सुख है
(हौसलों में उनके उड़ान होती हैं, जिनकी अपनी ही एक पहचान होती हैं।,हार जाते हैं वे अक्सर ,जो अकेले होते हैं,
जितने वालो का सिर्फ एक ही नारा होता हैं, ये जीवन अब संघर्ष हमारा हैं)
*हम बात कर रहे हैं उज्जैन जिले की सबसे बड़ी जनपद पंचायत खाचरौद के मुखिया की* जिन्होंने 130 ग्राम पंचायत के 254 गांव की एक बड़ी श्रृंखला की मुखिया के किरदार में ही नहीं स शक्त मुखिया के रूप में अपनी पहचान बनाते हुए,इस आपातकाल में बिना पुलिस बल के संहयोग से अपनत्व भाव एवं प्रशासनिक कार्य दमंगता तथा समाज हित के मुद्दों पर तात्कालिक निर्णय लेने में सक्षम अधिकारी, की पहचान बनाई हैं। विदित ही है हम सबको कोरोना स॑क्रमण की विपदा की करुण कहानी, कोरोना जैसी जंग पर सफलता की पटकथा के मुख्य किरदार निभाने वाले सीईओ सुश्री जिम्मी बाहेती के स शक्त कर्त्तव्य बौद्ध की
जहाँ पुरे भारत वर्ष में गांवों में कोरोना अपना पैर पसारने लगा था, देखते ही देखते अचानक मोतों का आकड़ा सारे देश में बढ़ गया भला ऐसे में खाचरौद जनपद भी इससे मुक्त नहीं रही है, लोगों के अपने जीवन के लाले पड़ रहें थे,। अधिकारी अपनी पदीय हेसियत के घमंड को भूल कर, ईश्वर की ओर आस लगाएं बैठे थे, तो कंई कामचोर अधिकारी खुद कोरोना स॑क्रमण से ग्रस्त बताकर चिकित्सालय की शरण में पड़े रहे हैं। ऐसे समय में, उज्जैन जिले की खाचरौद जनपद पंचायत की एक महिला जनपद अधिकारी सुश्री जिम्मी बाहेती ने अपने उच्च जिला अधिकारी जिला पंचायत सीईओ श्री अस्थाना एवं कलेक्टर आशीष सिंह के कुशल मार्गदर्शन में और तीनो ब्लॉक खाचरौद नागदा उन्हेल के स्थानीय अधिकारी के प्रशासनिक ओर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सौजन्य भाव के साथ जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत के समस्त अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारीयों के सहयोग से हर गांव स्तर पर संकट प्रबंधन समिती का गठन कर, कोरोना जैसी जंग को हराने और इस महामारी पर अंकुश लगाने में सफलतापूर्वक कार्य आज भी कर रहे हैं।जिसके चलते कोरोना स॑क्रमण के काल के कठौर पंजे की पकड़ को मजबूत नहीं होने दिया गया ।
उज्जैन जिले की सबसे दूरस्थ ओर सबसे बड़ी जनपद पंचायत खाचरौद 130 ग्राम पंचायत और 254 गांव की एक बड़ी श्रृंखला हैं, जिसे एक डोर में संजोए ओर शासन की अनेक योजना ओर आदेशों को एक रूपता में जमी पर उतारने के साथ अनेक विकास ओर निर्माण कार्य को संपन्न करवाते हुए, कोरोना जैसी जानलेवा महामारी में भी सुश्री जिम्मी बाहेती ने दिन व रात मेहनत कर अपने सहयोगियों के साथ ,कोरोना जैसी जंग से लड़ने को तैयार रही है है। आज भी अपनी जान की परवाह पाले बगैर अपने क्षेत्राधिकार में दिन-रात भ्रमण कर रही हैं।सुश्री जिम्मी बाहेती ने अपनी सुझबुझ ओर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्ग दर्शन से ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जहां वैक्सीनेशन कम हुआ हैं ऐसे क्षेत्र में लोगों को जाकर वैक्सीन टीका लगवाने हेतु प्रेरित करना। वैक्सीनेशन को लेकर लोगों की भ्रांतियों को दूर करना, टीम द्वारा हर गाँव के घर घर सर्वे कराकर बिमार को चिन्हीत कर इलाज की सुविधा और संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए गाँव गाँव लाक डाउन कराने जैसे अत्यधिक संख्या के कार्यों को जनपद की पूरी टीम और ग्राम पंचायत का पूरा अमला सीईओ के मार्गदर्शन में कर रहे हैं।, जिसे सहजता से गीना नहीं जा सकता। वर्तमान में सुश्री जिम्मी बाहेती की टीम प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सेवा कार्य में लगी हुई है।अधिक संक्रमण वाली पंचायतों में निरंतर भ्रमण करना, लोगों को घर में रहने हेतु समझाइश देना, संभावित संक्रमित व्यक्तियों से डोर टू डोर बात करना, मेडिकल किट उपलब्ध हुई या नहीं यह सुनिश्चित करना, उनका हाल चाल जानना, इत्यादि.130 ग्राम पंचायतों में क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित करवाना, 130 पंचायतों मैं सैनिटाइजर करवाना, जनता कर्फ्यू का पालन करवाने हेतु ग्राम पंचायतों के माध्यम से बैरिकेट्स लगवाना, नारे लेखन का कार्य करवाना, संकट प्रबंधन समूह को सक्रिय करना, अनावश्यक रूप से घूमने वालों पर जुर्माना लगवाना, सर्वे टीम एवं ग्राम पंचायतों के साथ संक्रमित ग्राम पंचायतों में भ्रमण कर संभावित संक्रमित से चर्चा कर घर में रहने हेतु निवेदन करना.. वैक्सीनेशन के समय वैक्सीनेशन सेंटर विजिट करना ग्राम पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार कर अधिक से अधिक वैक्सिनेशन करवाना।
जनपद स्तरीय पूरी टीम की तत्परता और गंभीरता से काम करने का ही नतीजा है कि आज 130 पंचायतों में से 70 पंचायतों में एक भी एक्टिव केस नहीं है 60 पंचायतों में एक्टिव केस हैं।, कोरोना स॑क्रमण नियंत्रण काम करने के दौरान ,सरवना उन्हेंल ग्राम पंचायत के सचिव श्री गोपाल सोनी जी को कोरोना स॑क्रमण हो गया था,जिनका निधन कल रात्रि में उज्जैन के एक चिकित्सालय में हो गया था। आज सुबह उनके बेटे का कॉल आया हॉस्पिटल के द्वारा निर्धारित दर से अधिक पेमेंट की मांग की जा रही थी, तुरंत पीसीओ का हॉस्पिटल भेजा गया ,साथ ही जिले में सीईओ एवम् हॉस्पिटल में डॉक्टर से बात कर, बिल कम करवाया गया एवं निर्धारित दर के अनुसार भुगतान करवाया गया। चाहे प्रवासी मजदूरों का आगमन गावो में हों उनकी आजीविका के लिए मदद करना हो या बीमारी के पैर पसारने से पहले ही हाइपो केमिकल का पंचायतो में छिड़काव करना हो या किल कोरोना में दवाई किट वितरण या डोर टू डोर सर्वे हर पहलू में ग्राम पंचायत के कर्मचारियों को अपनी टीम की बजाय अपना परिवार के सदस्य मानकर उनका भी हर कदम पर होसला बढ़ाया.।
एक जवाब के दौरान सीईओ सु श्री बाहेती ने बताया की , मानवता की सेवा करना पदिय हैसियत से भी ऊंची होना चाहिए, मानवता की सेवा करने में आत्मीय सुख की अनुभूति होती हैं और नि स्वार्थ सेवा करने से व्यक्ति परिस्थितियों से निपटने के लिए आतंरिक ओर बाह्य रुप से मजबूत भी होता है वहीं ऐसी की गई सेवाएं ईश्वर की आराधना से कम भी नहीं होती है। आपातकालीन समय में हमें मनुष्य होने का परिचय देते हुए समभाव से सब की मदद करना चाहिए यही श्रेष्ठ जन की पहचान होती हैं।इस विकट समय में मुझे सेवा करने का अवसर मिला है जीस के चलते मुझे मानसिक शारिरिक सु दृढ़ता भी प्राप्त हुई हैं, वहीं कार्य प्रबंधन की खासी सिख मिली है, साथ ही अधिनस्थों की कार्यकुशलता आकंने का श्रेष्ठ अवसर भी है.