भाजपा नेता का धरना हुआ समाप्त, हॉस्पिटल की होगी मजिस्ट्रेट जांच

- वृतांत हॉस्पिटल पर मनमानी वसूली का है आरोप

रायबरेली- सूबे की सत्तासीन योगी आदित्यनाथ की सरकार कितना भी भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करें लेकिन रायबरेली का स्वास्थ्य विभाग की बात कुछ और ही है।भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष संतोष पांडेय 2 दिन से वृतांत हॉस्पिटल के खिलाफ धरने पर बैठे हैं उन्होंने आरोप लगाया है कि इस हॉस्पिटल को निजी कोरोना हॉस्पिटल के लिए मान्यता दी गई लेकिन यह मनमानी पैसे वसूल कर रहा हैं। इसी मामले को लेकर 1 हफ्ते पहले भी ये हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठे थे। उस समय भी इन्हें प्रशासन के द्वारा कार्रवाई का आश्वासन मिला था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। जिसके बाद संतोष पांडेय कल फिर से धरने पर बैठ गए और कार्रवाई न होने की स्थिति में आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी।आज सुबह सदर एसडीएम अंशिका दीक्षित मौके पर पहुंची और उन्होंने कार्यवाही के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं इस आश्वासन के बाद संतोष पांडेय ने धरना खत्म किया।

हम आपको बता दें संतोष पांडेय भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष रहे हैं और वह लगातार कई मुद्दों को लेकर अपने ही सरकार के प्रशासन के खिलाफ धरना दे चुके हैं।अपने बगावती तेवर के लिए प्रसिद्ध भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष संतोष पांडेय को जिले के बड़े भाजपाई पसंद नहीं करते हैं क्योंकि संतोष पांडेय हर बात में जनता के लिए लड़ने के लिए सड़क पर बैठ जाते हैं।प्रशासनिक अमला भी इनसे न खुश रहता है क्योंकि यह उसके ऊपर दबाव बनाते हैं।अपने इन्हीं कारनामों के चलते इन्हें नगर अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया और सिर्फ औपचारिकता पूरी करने के लिए जिले की कमेटी में डाल दिया गया।इन्होंने जिले के कद्दावर बड़े भाजपा नेता के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है। कुछ भी हो लेकिन पब्लिक में अपनी अच्छी छवि बना चुके संतोष पांडेय की जीत एक बार फिर हो गई है।सोचने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि एक आम आदमी को भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को क्यों नहीं दिखाई दे रहा है?इस कोरोना काल में भी आपदा का असर बनाने वालों के खिलाफ आखिर प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?