नन्हीं सेल्स गर्ल को एसडीएम से मिला मदद का आश्वासन, पूर्ति निरीक्षक को राशन की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया

नन्हीं सेल्स गर्ल को एसडीएम से मिला मदद का आश्वासन
पूर्ति निरीक्षक को राशन की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया

सिरसागंज (डाॅ मुकेश उपाध्याय मणिकांचन)।�एलईडी बल्ब बेचने वाली दस साल की सेल्सगर्ल की खबर मीडिया मे आने के बाद प्रशासन ने मदद का हाथ बढ़ाया है। बुधवार को एसडीएम सिरसागंज ने बच्ची और उसकी मां को अपने आफिस में बुलाया। उसके पूरे हालात की जानकारी ली और संभव मदद का आश्वासन दिया।
गली मोहल्लों में नन्हीं सी साइकिल पर एलईडी बल्ब बेचने वाली बच्ची की खबर छपने के बाद शहर के जिम्मेदार लोगाें का बच्ची के परिवार की ओर ध्यान गया है। कुछ समाजसेवी लोगों ने परिवार की मदद की इच्छा भी जतायी है।
खबर छपने के बाद एसडीएम नवनीत गोयल ने हमारे संवाददाता से मामले की जानकारी ली और महिला को अपने कार्यालय में बुलवाया। महिला नीतू जादौन अपनी बेटी सेल्सगर्ल आशी एवं 4 वर्षीय दूसरी बेटी रिया को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंची। उसने बताया कि पति एवं ससुरालीजनों के उत्पीड़न से तंग आने के बाद वह बेसहारा हो गयी है। कोर्ट से भरण पोषण का आदेश होने के बाद भी गुजारा राशि उसे नहीं मिल सकी है। ऐसे में दो मासूम बच्चियों का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है।
एसडीएम नवनीत गोयल ने बताया कि महिला नीतू जादौन ने घरेलू हिंसा एवं उत्पीड़न का शिकार होने एवं कोर्ट में मामला दायर कर दिये जाने के बारे में बताया है। मामला अदालत में चल रहा है। कानूनी सीमाओं के भीतर महिला और उसके बच्चों की यथासंभव मदद करने का प्रयास किया जाएगा।

राशन की व्यवस्था के लिए दिये निर्देश
सिरसागंज। नीतू की आपबीती सुनने के बाद एसडीएम ने उसके जीवन यापन के लिए सर्वप्रथम खाने के लिए गेंहू, चावल आदि राशन की व्यवस्था हेतु अधीनस्थों को निर्देश दिये। पूर्ति निरीक्षक को बुलाकर राशनकार्ड के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा। महिला पर सही आईडी प्रूफ नहीं होने की स्थिति में तत्काल निवास प्रमाणपत्र के लिए आनलाइन आवेदन कराया गया। पूर्ति निरीक्षक ने कहा कि यथाशीघ्र राशन कार्ड बनवाकर राशन दिलाया जाएगा।�

कोर्ट से लगाई है गुहार, न्याय मिलने का है इंतजार
नीतू का कहना है कि उसने दहेज के लिए उत्पीड़न, गुजारा राशि और घरेलू हिंसा के मामले कोर्ट में दायर कर रखे हैं। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं। न्याय कब मिल पायेगा, कुछ पता नहीं है। पति एवं सास को बनाया है आरोपी। नीतू जादौन ने बताया कि मायका लभौआ में है। शादी सिरसाखास के भुताई में हुई है। उसका कहना है ससुराल पति आदि ने शुरू से ही उत्पीड़न किया है, मायके में और भाई के पास दिल्ली रह कर गुजारा करना पड़ रहा था। पिछले साल जनवरी में पति अपने साथ घर लिवा ले गया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद ही मारपीट कर निकाल दिया। दोनों मासूम बच्चियों के साथ हैवतपुरा रोड पर एक कमरा किराये पर लेकर रह रही है।

दिल्ली में सीखा था एलईडी बल्ब बनाना�
सिरसागंज। नीतू ने दिल्ली मंे अपना गुजारा करने के लिए एलईडी बल्ब की फैक्ट्री में काम किया था। वहीं से वह कुछ काम सीख गयी। यहां पर कुछ रुपयों का जुगाड़ करके सामान खरीद कर घर पर ही बल्ब बनाना शुरू कर दिया। चार साल की बेटी की जिम्मेदारी के चलते बल्ब बेचने के लिए जाने की समस्या हुई तो दस साल की आशी ने हौसला दिखाया और अपनी नन्हीं साइकिल लेकर बल्ब बेचने जाने लगी।