छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारी बनते जा रहे काल का ग्रास, सरकार नही ले रही सुध।

रायपुर/19/04/2021:-छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में कोरोना ने विकराल रूप धारण कर लिया है, और प्रति दिन अमीर से लेकर गरीब तक इस कोरोना बीमारी से ग्रसित होकर काल का ग्रास बनते जा रहे है। सबसे ज्यादा पीड़ा की बात है, जो शासन का अनियमित कर्मचारी है और शासन तथा प्रदेश की जनता की सेवा के लिए फ्रंट लाइन वारियर के रूप में सतत सेवा दे रहा है, उसी के जान की कोई सुरक्षा नही है। इस क्रम में छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के संज्ञान में रायपुर मेडिकल कॉलेज का एक दुखद वाक्या आया है, जहां बिलाईगढ़ कारी भाठा निवासी ओम प्रकाश चौहान (33वर्ष) जो कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर में ही टेक्नीशियन के पद पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, उन्हें खुद उसी कार्यस्थल पर वेंटीलेटर सपोर्ट प्राप्त नही हुआ, और कोरोना के कारण उनकी असामयिक मृत्यु हो गयी।

अनियमित संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने अपनी गहरी संवेदना शोकाकुल परिवार के लिए प्रकट किया और यह कहा की पूरा मामला देख कर समझ आ रहा है, वर्तमान प्रदेश सरकार कोरोना को नियंत्रित करने में सफल नही हो रही है, स्वास्थ विभाग का पूरा सिस्टम ही लगभग ध्वस्त होते जा रहा है। अनियमित कर्मचारियों को किसी प्रकार की राहत नही मिल रही है, अल्प वेतन प्राप्त कर्मी घर परिवार से भी आर्थिक सम्पन्न नही होते है, तो निजी अस्पताल का खर्च वहन करने में वे सक्षम नही है। शासकीय नियमित कर्मचारी का इलाज या तो aiims रायपुर में चल रहा है या तो निजी अस्पताल में वे अपना इलाज करवा रहे है, जिसका व्यय शासन से उन्हें प्राप्त हो जायेगा, परन्तु अनियमित कर्मी को कोई भी सुविधा नही मिल रही है। राजस्थान कांग्रेस सरकार ने जो आदेश 50 लाख रुपये अपने फ्रंट लाइन वारियर्स के लिए निकाला, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार तथा स्वास्थ विभाग कैबिनेट मंत्री टी एस सिंह देव को व्यवस्था करके रखनी चाहिए थी और आदेश जारी करवाना था परन्तु उन्होंने इस प्रकार के मामले देखना सुनना ही बन्द कर दिया है, जो कि छत्तीसगढ़िया अनियमित कर्मचारियों के साथ किये गए वायदे के विपरीत समझ मे आ रहा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री को तत्काल इस विषय को अपने संज्ञान में लेना चाहिए, और स्वास्थ्य मंत्री से त्याग पत्र लेकर स्वास्थ विभाग की कमान खुद सम्हालनी चाहिए। प्रदेश स्वास्थ मंत्री को खुद से ही नैतिक जवाबदेही लेते हुई मंत्री पद का त्याग कर देना चाहिए ऐसा संगठन का मानना है।