पटवारी संघ हाजिर हो,बताये कि जनता ठुकाई क्यो न करे ?

पटवारी के भृष्टाचार से परेशान होकर किसान तो मर गया, लेकिन भृष्टाचारियो का वो पटवारी संघ जिंदा है, जिनका जमीर मर चुका !

पटवारी संघ बताये कि जनता भृष्टाचारी पटवारियों की ठुकाई क्यो न करे ? पटवारी द्वारा घुस लेने के वावजूद किसान को क्यो परेशान किया गया ? अब पटवारी संघ चुप क्यो है ? पटवारी संघ को जबाब देना होगा ! क्या अब भी पटवारी संघ यदि एक भृष्टाचारी एवँम हत्यारे पटवारी के पक्ष में खड़ा होगा या चुप रहेगा ?तो हम जनता द्वारा उन तमाम भृष्ट पटवारियों की ठुकाई का समर्थन करते है जो न केवल पदीय दुरुपयोग करते है बल्कि पद की आड़ में शासकीय आंतकवाद का पर्याय बन चुके है !

पटवारी से तंग आकर किसान ने की आत्महत्या.. सुसाइड नोट में लिखा..5 हजार रिश्वत दिया फिर भी नहीं काटा पर्ची..6 महीने तक घुमाया..बेटे को कहा..परिवार का रखना ध्यान !

तखतपुर (टेकचंद कारड़ा)?जिसका डर था वही हुआ..पटवारी की लम्बी जीभ और बार की प्रताड़ना से तंग आकर धरती पुत्र किसान ने फांसी लगाकर खुद खो खत्म कर लिया है। घटना तखतपुर थाना क्षेत्र के राजा कापा का है। किसान ने फांसी लगाने से पहले एक सुसाइड पत्र भी लिखा है। अपनी आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर हल्का पटवारी को जिम्मेदार बताया है। पटवारियों की लालफीताशाही से तंग आकर तखतपुर के एक किसान ने एक सुसाइड नोट लिखने के बाद फांसी लगा लिया है। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र के राजाकापा का है। पटवारी की प्रताड़ना और तारीख से तंग आकर किसान ने आत्महत्या कर लिया है।

जानकारी के अनुसार पटवारी ने किसान से पैसा लेने के बावजूद पर्ची बनाकर नहीं दिया। समय पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने पर कृषक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है। कृषक ने सुसाइड नोट में अपने मरने का कारण पटवारी को बताया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तखतपुर थाना अंतर्गत ग्राम राजा कापा निवासी छोटू राम कैवर्त पिता स्वर्गीय पंचराम कैवर्त जमीन बिक्री को लेकर पर्ची बनाने के लिए पटवारी का पिछले 6 माह से चक्कर काट रहा था । पर्ची के लिए किसान पटवारी को 5000 रूपए भी दिए थे।

सूत्र ने बताया कि मार्च क्लोजिंग के समय छोटू को रजिस्ट्री करवाना था । लेकिन समय पर रजिस्ट्री नहीं करा पाया। पटवारी से तंग आकर छोटू शुक्वार की सुबह 5 बजे घर से निकला। अपनी ही बाड़ी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। थोड़ी देर बाद यानि पांच बजे के बाद जब छोटू की पत्नीचाय लेकर आयी तो उसने देखा कि उसका पति गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है ।

पत्नी ने देखा कि पति ने सामान रखने वाले केरेट में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। छोटू ने सुसाइड नोट में बताया है कि वह पटवारी से तंग आ गया है। 5000 रूपए देने के बावजूद काम नहीं किया। और महीनों तक बेवजह घूमता रहा। इसलिए तंग आकर आत्महत्या कर रहा है। मामले में छोटू के साथी ने बताया कि जब छोटू ने पटवारी को रूपए दिए उस समय उसके साथ ही था।

बहन और मां का ख्याल रखना*

मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह पटवारी से तंग आ गया था। पैसे लेने के बावजूद काम नहीं कर रहा था । बार-बार चक्कर लगाने से तंग आ गया था। इस बात से दुखी होकर वह फांसी लगा रहा है। ईहलीला समाप्त करते वक्त छोटूराम को अपने परिवार की भी चिंता सता रही थी। उसने अपने बेटे से कहा है कि मरने के बाद वह अपनी मां और बहन का ख्याल रखेगा।

अंत में लिखा जय श्री राम

किसान ने फांसी लगाने से पहले पटवारी से प्रताड़ित होना और पैसे लेकर काम नही किए जाने को लेकर दुख जाहिर किया। पत्र के अंत में छोटू ने लिखा है कि वह पटवारी से काफी तंग आ गया था। इसलिए उसके सामने दूसरा कोई रास्ता नहीं है। पत्र के अंत में छोटू ने जय श्री राम लिख कर अपना जीवन राम को समर्पित कर दिया।

तमाम मानव अधिकार संगठन, धार्मिक,जातियता की कट्टरता में उलझे ओर धर्म और जाति के नाम के नाम पर एक दूसरे की जान लेने को आतुर रहने वाले तमाम लोगो को ओर संगठनों को ये तमाम जातियों और धर्मो के लोग भृष्टाचारी,हत्यारे क्यो नही नजर आते है ? हो सकता है शाम तक कोई भृष्टाचारी, सेटिंगबाज, तोडिबाज पत्रकार भी उक्त भृष्ट पटवारी से खर्चा पानी लेकर पटवारी के पक्ष में लिखना शुरू करे ?यह इस समस्या का निदान निदान नही है, हमने कुछ ही दिन पहले पटवारी संघ से तहसीलदार संघ से आग्रह भी किया था कि अपनी अपनी यूनियन के सदस्यों को जनता को परेशान न करने के लिए कहे ? पटवारी ओर तहसीलदार संघो को सोचना चाहिए कि यदि आपके पदीय दुरूपयोग ओर प्रशासनिक आंतकवाद से त्रस्त होकर इस किसान की तरह जनता स्वम् आत्महत्या न कर, आप लोगो को मारना शुरू कर देगी तो क्या करोगे ?

हमे हैरानी है जनता यह सोचकर चुप है कि हमे क्या?मेरे घर का किसान थोड़े ही मरा है ? हम तमाम राजस्व अधिकारियों,पटवारियों से यह अपेक्षा करते है कि व्यवस्था को तत्काल ठीक कीजिये, जनता अत्यधिक त्रस्त है ! व्यापक जनहित में उपरोक्त घटना से सम्बंधित पटवारी के खिलाफ तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज होकर,उक्त पटवारी को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाये, हम देखते है कि जमीर मर चुके पटवारियों का कौन पटवारी संघ क्या उखाड़ता है ?