वीरभूमि राजकीय डिग्री कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ

संदीप गुप्ता महोबा

*योग एवं व्यायाम हमारी जीवन चर्या में हो शामिल- प्रो योगेश दुबे कुलपति*

*व्यक्ति शिक्षित नहीं संस्कारवान होना चाहिए - प्रो पी के पांडे*

*सिद्धांत व व्यवहार का दो हरापन छोड़ना होगा- डॉ बी एल शर्मा*

*वीरभूमि राजकीय डिग्री कॉलेज मैं दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ*

महोबा। वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी में 'कोविड-19 महामारी के पश्चात शिक्षा कार्य एवं स्वस्थ जीवन शैली में चुनौतियां एवं अवसर' विषय पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश चंद्र दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूर्व कोरोना ने हमें सोचने को मजबूर किया है कोरोना ने हमें प्राचीन संस्कृति की और जाने को विवश किया है भारतीय जीवन पद्धति की विशेषता ही है कि कोविड-19 का कहर भारत पर उस तरह से नहीं पड़ा जिस तरह से विश्व के अन्य देशों में पड़ा हमने कोविड-19 के दौरान जो जीवन चर्या अपनाई उसी जीवन चर्या को हमें हमेशा अपनाना चाहिए। योग एवं व्यायाम हमारी जीवन चर्या में शामिल हो। सारस्वत अतिथि के रूप में निदेशक यूपीआरटीओयू प्रयागराज के प्रो प्रदीप कुमार पांडे ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत को नई शिक्षा नीति पूरा करेगी व्यक्ति को शिक्षित नहीं संस्कारवान होना चाहिए ऐसी शिक्षा व्यवस्था कि हम लंबे समय से आवश्यकता महसूस कर रहे थे जो इस शिक्षा नीति में परिलक्षित होती है उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनाई गई ऑनलाइन शिक्षा को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया । विशिष्ट अतिथि सहायक शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा डॉ बी एल शर्मा ने कहा कि हमें सिद्धांत व व्यवहार का द्वैत छोड़ना होगा हमें सिद्धांत और व्यवहार में अद्वैतवादअपनाना होगा शिक्षा रोजगार उन्मुख होनी चाहिए कोविड-19 महामारी के दौरान तकनीक सीखने में मदद मिली है भले ही मजबूरी मैं ही क्यों ना हो । मुख्य वक्ता के रूप में एल एन आई पी ग्वालियर के डॉ एन आर कृष्णन सर ने बताया कि योग में अद्भुत क्षमता है वह अभ्यास मात्र नहीं बल्कि दर्शन है जीवन दर्शन है विभिन्न क्रियाकलापों से उन्होंने ध्यान लगाना सिखाया मन को नियंत्रित करना सिखाया साथ ही कहा कि मन को नियंत्रित करना योग के ही बस में है । सेमिनार में संयोजक डॉ प्रदीप कुमार ने 2 दिनों तक चलने वाले सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की कार्यक्रम का संचालन डॉ संतोष कुमार पांडे ने किया तथा आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्राचार्य लेफ्टिनेंट प्रो सुशील बाबू ने किया तथा सरस्वती वंदना एवं मंगलाचरण श्री दुर्गा संस्कृत महाविद्यालय के आचार्यों द्वारा प्रस्तुत की गई । इस दौरान महोबा जनपद के समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य ,प्रोफेसर छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।