0%ब्याज दर पर घरेलू सामान ले जाओ,डाल रहा लोगो के जेब मे डाका

दिलीप जादवानी कुरुद:-0%ब्याज में समान ले जाओ का जाल कर रहा लोगो को कंगाल

सावधान अगर आप भी 0%ब्याज दर पर कोई घरेलू सामान किस्तो पर लेने जा रहे है तो यह खबर आपके लिए पढ़ना जरूरी है, आजकल बाजारों में जगह जगह 0%ब्याज में घरेलू सामान किस्तो पर ले जाने के पोस्टरों की दुकानों में बाढ़ सी आ गई हैं किंतु 0%ब्याज दर की सच्चाई जानकर आप भी सोच में पड़ जायेंगे।
बाजारों में 0% ब्याज दर पर घरेलू सामान उपलब्ध करवाने वाले दुकानदार आपको यह बिल्कुल भी नही बताएंगे कि जो समान आप खरीद रहे हैं वह समान आपको एम आर पी दर पर उपलब्ध होती है जो सामान्य तौर पर बाजार मूल्य से 500 से 2000 रुपये अधिक दर पर आपको मिलती हैं।
इन सामानों को खरीदने के लोक लुभावन ऑफर के चलते खरीददार इस ओर ध्यान बिल्कुल नही देते,आपको सिर्फ यही जानकारी उपलब्ध करवाया जाता हैं तीन चेक,बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, आधार कार्ड की कॉपी,इसके आगे की सच्चाई आज हम आपको बताते हैं, जैसे ही आप इन सभी दस्तावेज को उपलब्ध करवाते हैै फिर शुरूहोता है लूट का सिलसिला आपके बैैंक एकाउंट को खाली करने ईसीएस चार्ज के नाम से हर माह 295 रुपये कटने शुरू हो जाते हैं,ईएमआई अलग से काटा जाता है, अगर आप ईएमआई की तारीख को भी बैंक में पैसे जमा कर देते है तो भी आपसे बाउंसिंग चार्ज 6 सौ से 8 सौ रुपए वसूली किये जाते है, ऑनलाइन पैसे भी अगर आप जमा करते हैं तो भी आपसे बाउंसिंग चार्ज वसूली किया जाता हैं,आपने पूरी ईएमआई भी दी है तो भी आपके खातों से लगातार ईसीएस चार्ज वसूली किया जाता हैं, तो हो जाइए सावधान कहि आपका बैंक खाता खाली न हो जाये 0%ब्याज दरों पर समान लेने से पहले जरूर सोचे ।

यह है तरीके आपकी जेब खाली करने के नाम न बताने की शर्त पर एक NBFC के एग्जीक्यूटिव ने बताया कि नो कॉस्ट EMI पर आपको प्रोडक्ट पूरी कीमत पर खरीदना होता है। 'नो-कॉस्ट ईएमआई' पर भी 15 फीसदी तक ब्याज वसूला जाता है। लेकिन कंपनी और फाइनेंस कंपनी इस ब्याज को डिस्काउंट के रूप में घटाकर ग्राहक को ऐसा दिखती हैं कि उसे कोई ब्याज देना ही नहीं पड़ा है। इसे ऐसे समझें

मोबाइल फोन की लागत = 15,000 रुपए डिस्काउंट = 2,250 रुपए डिस्काउंट के बाद मोबाइल फोन की लागत = 12,750 रुपए ईएमआई के तहत कुल ब्याज का भुगतान = 2,250 रुपए आपकी ओर से चुकाई जाने वाली कीमत = 15,000 रुपए

दूसरा तरीका
इसके तहत प्रोडक्ट की कीमत में पहले से ही ब्याज जोड़कर दिखाया जाता है। मान लीजिए किसी मोबाइल की वास्तविक कीमत 15 हजार रुपए है। जबकि 'नो-कॉस्ट ईएमआई' पर इसकी कीमत 17500 हजार रुपए दिखाई जाएगी। 2500 रुपए ब्याज के रूप में ही वसूले जाते हैं।

प्रोडक्ट की असली कीमत = 15000 रुपए नो कॉस्ट ईएमआई पर लगने वाला ब्याज = 2500 रुपए स्कीम के तहत आफर प्राइस = 17500 रुपए नो कॉस्ट ईएमआई पर सामान लेने पर चुकाई गई कीमत = 17250 रुपए

तीसरा तरीका
कंपनी का जब कोई सामान नहीं बिक रहा होता है तो उसे निकालने के लिए भी नो-कॉस्ट ईएमआई का सहारा लेती है। ऐसे में सामान बेचने वाली कंपनी ब्याज की रकम कई बार अपनी जेब से फाइनेंस करने वाली संस्थाओं को देती हैं।