कुरुद नगर में और आसपास ग्रामीण में अवैध शराब माफिया के हौसले बुलंद, पुलिस मुकदर्शक?

​​​​​दिलीप जादवानी धमतरी छत्तीसगढ़:-आज डीजीपी डीएम अवस्थी द्वारा रायपुर में बैठक लेकर अवैध शराब कारोबारीयो में सख्त कार्यवाही का पुनः आदेश दिया,पर यह पूर्ण रूप से मजाक प्रतीत होता दिख रहा हैं।राज्य की सरकार बदलते ही राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने राज्य में अवैध शराब विक्रय पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने पुलिस विभाग को सख्त हिदायत दी थी,जिसे बीते हुवे 1 वर्ष से अधिक होने को आया,कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री ने भी पुलिस वीभाग की बैठक में डीजीपी डी एम अवस्थी को अवैध शराब विक्रेता पर कार्यवाही करने शख्त हिदायत दि थी,उन्होंने कहा था कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री करते हुए पाए जाने पर संबंधित थाना प्रभारी निलंबित ,और राजपत्रित अधिकारी पर विभागीय जांच कर कार्यवाही करने की बात कही थी,जिस पर डीजीपी द्वारा समस्त पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देशित किया था।
यह हिदायत धमतरी जिले में लागू होते नही दिख रहा है जिस वजह से जिले में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है।
बात करे तो जिले के कुरुद और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जम कर फल फूल रहा हैं अवैध शराब का कारोबार,
बात करे तो नारी,मरौद,भाठागांव, बगौद बंजारी में खुलकर शराब विक्रय हो रहा है,भाठागांव, मरौद में जहाँ रोड किनारे के ढाबो में हर वक्त शराब उपलब्ध हो जाती हैं,वही नारी में तो 10 से 15 जगह सुबह 4 बजे से शराब विक्रय शुरू हो जाता हैं,भैसमुंडी पार करते ही अधिकतर खोमचे नुमा ढाबो में कोकड़ी रोड़, खट्टी पुल के पास तो एक शराब दुकान की तरह शराब�विक्रय किया जाता हैं,जिसका सेवन करते रोड़ किनारे ही लोगो की भीड़ दिख जायेगी।
इस पर यह सन्देह होना लाजमी होगा कि इतनी मात्रा में अवैध शराब की बिक्री होने की जानकारी पुलिस विभाग और आबकारी विभाग को न हो यह सोचनीय होगा,आपको ज्ञातव्य होगा भाजपा शासन काल मे नारी शराब दुकान बंद करने बड़ा आंदोलन गांव की महिलाओं ने किया था जिस वजह से नारी शराब दुकान बंद जरूर कर दिया गया था,आज की परिस्थितियों को देखे तो ग्राम में आज 10 से अधिक छोटी छोटी अवैध शराब दुकान खुल गई हैं, जिस पर न तो पुलिस विभाग न तो आबकारी विभाग कार्यवाही कर रही हैं।हमारे प्रतिनिधि की ग्राउंड रिपोर्टिंग की तो हमे पता चला कि इस कार्य को करने की मोटी फीस सम्बंधीत विभागों को जाती हैं, एव पूर्ण सरक्षण मिला हुआ है।ऐसे मे डीजीपी ,ग्रहमंत्री, मुख्यमंत्री के आदेशो का पालन कैसे होगा यह सोचनीय प्रश्न हैं।