आलू निकासी के अल्टीमेटम पर जमकर निकाला गुस्सा, तहसील परिसर में किसानों ने नारेबाजी की

आलू निकासी के अल्टीमेटम पर जमकर निकाला गुस्सा
सिरसागंज। प्रशासन द्वारा दो दिन में कोल्डस्टोरेज से आलू निकासी का अल्टीमेटम दिये जाने के बाद किसानों ने जमकर अपना गुस्सा निकाला। प्रशासन के फैसले के खिलाफ में तहसील परिसर में जमा हुए किसानों ने नारेबाजी की और फैसले को किसान विरोधी बताया।
आलू की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन कवायद कर रहा है। प्रशासन का मानना है कि जिले भर के शीतग्रहों में बड़े पैमाने पर आलू की जमाखोरी की गयी है। जमाखोरी की आशंका की पुष्टि के बाद प्रशासन कोल्डस्टोरेज से जल्द से जल्द आलू को मार्केट मंे निकलवा कर कीमतों को नियंत्रित करना चाहता है।
हालांकि जिन लोगांे का आलू शीतग्रहों मंे रखा है, उन्हें प्रशासन का यह निर्णय रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि कई बरस बाद आलू के जरिये से कुछ मुनाफा इस क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है, जिसमंे प्रशासन अनावश्यक रोड़ा लगा रहा है।
गुरुवार को प्रशासन के निर्देशों के चलते शीतग्रहों के बाहर 28 नवंबर तक आलू निकासी कर लेने के बोर्ड लगा दिये गये। सिरसागंज के एक प्रमुख शीतग्रह में तमाम किसान जमा हुए और आलू की निकासी नहीं करने का ऐलान कर दिया।�
बड़ी संख्या मंे किसान स्थानीय तहसील पर पहुंच गये और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि प्रशासन को किसान का मुनाफा दिखाई दे रहा है। कई बरस से आलू के चक्कर मंे जो लोग बरवाद हो गये उनकी मदद करने के लिए कोई नहीं आया। इसके अलावा किसान की कई फसलों की आज भी हालत खराब है। सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों के काफी कम दाम में किसान को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। प्रशासन का इस घाटे की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
तहसील पर एसडीएम के न मौजूद होने के कारण प्रदर्शन कर रहे लोग करीब दो घंटे तक जमे रहे और नारेबाजी करते रहे। बाद मंे एसडीएम के पेशकार को ज्ञापन सौंप दिया गया। ज्ञापन मंे 31 दिसम्बर तक निकासी के लिए बाध्य नहीं करने की मांग की गयी। प्रदर्शन मंे मातादीन धनगर ने कहा कि अगर प्रशासन ने अपना रवैया नहीं बदला तो व्यापक आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।