तीन दिन में कोल्ड खाली करने के अल्टीमेटम से हड़कंप आम आदमी की जेब पर डाका डाल रहा है आलू   जमाखोरी ने कीमतें पहुंचा दी हैं आसमान पर 

तीन दिन में कोल्ड खाली करने के अल्टीमेटम से हड़कंप
आम आदमी की जेब पर डाका डाल रहा है आलू
जमाखोरी ने कीमतें पहुंचा दी हैं आसमान पर

सिरसागंज। तीन दिन में कोल्ड स्टोरेज मंे भंडारित आलू की निकासी के अल्टीमेटम ने जमाखोरों में खलबली मचा दी है। जमाखोरी के चलते आलू की कीमतें आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं। आलू की बढ़ी हुई कीमतों का किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। जमाखोरों की पौबारह हो रही है। प्रशासन ने देरी से संज्ञान लेते हुए तीन दिन मंे जमाखोरी को खाली करने का ऐलान कर दिया है।
फसल के शुरूवात से लेकर आलू की कीमतें लगातार चढ़ती जा रही हैं। बुधवार को सिरसागंज के खुदरा बाजार मंे आलू की कीमत 40 रुपया प्रति किलो रही। सब्जी खरीदने आये आम आदमी की पूरी जेब अकेले आलू ने ही खाली कर दी।
आलू की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर लोग लगातार परेशान हैं। प्रशासन द्वारा जमाखोरी समाप्त करने के लिए शीतग्रहों में भंडारण की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित की गयी थी। लेकिन जमाखोरी करने वाले कभी बीज के नाम पर तो कभी और किसी बहाने से अपने भंडारों को बनाये रहे। इस संबंध मंे हाल ही में नगला राधे के प्रगतिशील किसान लोकेश बाबू ने प्रशासन को पत्र भेजकर जमाखोरी को समाप्त करवा कर कीमतों में राहत दिलाने की मांग की थी।
निदेशक उद्याम विभाग लखनउ ने बुधवार को आलू निकासी के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। जिससे राहत मिलने की उम्मीद है। एक अनुमान के मुताबिक शिकोहाबाद और सिरसागंज मंे करीब पांच लाख पैकिट कोल्डस्टोरेज में रखा हुआ है। अगर यह आलू बाजार में आ जाता है तो कीमतें नीचे आएंगीं। दूसरी ओर बाजार मंे नया आलू भी आने लगा है लेकिन अभी उसकी मात्रा काफी कम है। जानकार लोग बताते हैं कि 10 दिसम्बर से नये आलू की मात्रा में काफी बढ़ोतरी होगी।
निदेशक के पत्र का हवाला देते हुए जिला उद्यान अधिकारी ने विज्ञप्ति जारी कर जिले के सभी शीतग्रह स्वामियों को 28 नवंबर तक भंडारित आलू की 100 प्रतिशत निकासी सुनिश्चित करने के लिए कहा है। अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई किये जाने की बात कही है। इस आदेश से कोल्डस्टोरेज मंे हड़कंप की स्थिति है। हालांकि तीन दिन में पूरा स्टाक खाली होना असंभव बताया जा रहा है।