पंथक सेवा दल के कद्दावर नेता मली ने शिअदद (सरना) का दामन थामा 

पंथक सेवा दल के कद्दावर नेता मली ने शिअदद (सरना) का दामन थामा

नई दिल्ली 2 नवम्बर, (मनप्रीत सिंह खालसा): श्याम नगर क्षेत्र से कद्दावर नेता और पंथक सेवा दल के महासचिव सरदार अमरजीत सिंह मल्ली ने शिरोमणि अकाली दल दिल्ली का दामन थामा।
अमरजीत सिंह वहाँ के गुरुद्वारा कमिटी के प्रधान भी है और अपने क्षेत्र में खासा रसूख रखते है।
शिअदद का दामन थामने के कारणों को पूछे जाने पर उन्होंने पंथक मुद्दों को प्राथमिकता और परमजीत सिंह सरना के पुराने कार्यकाल के ऐतिहासिक कामो से प्रभावित होना बताया जा रहा है।
अमरजीत सिंह को शिअदद पार्टी की सदस्यता सबसे वरिष्ठ सदस्यों द्वारा दिलवाया गया।
सदस्यता अभियान की अगुवाई पार्टी अध्यक्ष ,सरदार परमजीत सिंह सरना की देखरेख में यूथ विंग प्रधान
सरदार रमनदीप सिंह सोनू ने की ।
नए सदस्यों को संबोधित करते हुए सरदार सरना ने कहा कि " आपके साहस और निष्ठा को सलाम जो आपने अपने आत्मा की बात को सुनकर सही राह पर चलने का निर्णय लिया। अब आप हमारे शिरोमणि अकाली दल दिल्ली परिवार के सदस्य है । हमें एक साथ एकजुट होकर जीतोड़ मेहनत करनी होगी"।

इस दरम्यान सभा को संबोधित करते हुए सरदार अमरजीत सिंह ने सभी का धन्यवाद दिया और बताया कि " मैं गुरु घर की सेवा काफी लंबे समय से कर रहा हूँ। और जिस हालात में हमारी कौम की हालत पहुँच चुकी है काफी चिंता जनक है। हमारे स्टाफ, टीचरों, मुलाजिमों को भूखे मारा जा रहा है। आज वह सड़क पर खड़े है।"

" जिन्होंने सिर्फ अपने राजनतिक लालच के लिए गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की, स्वरूप तक गायब कर दिये, हमारे पालकी साहब तक कि बेअदबी को कोशिश की। उनको ऊपर वाला कभी माफ ना करेगा। अब उनके जाने का समय आ चुका है "। नवनियुक्त सदस्य ने हमलावर होते हुए कहा।

इस दरम्यान पार्टी महासचिव सरदार गुरमीत सिंह शंटी ने भी सभा को संबोधित किया और सबके एकजुटता और साथ चलने का आग्रह किया।

सभा की अगुवाई करने वाले सरदार रमनदीप सिंह सोनू ने अपने कार्यकाल की अच्छाई को गिनवाया और बताया कि " सरना जी ने 123 करोड़ गोलक छोड़ा था, अच्छे कोचिंग इंस्टिट्यूट , कालेज बनवाये आज सब बर्बाद है । हमारे समय एक डिसिप्लिन होती थी। आज सिर्फ राजनतिक कर गोलक को अपने प्रचार और राजनीति में उड़ा रहे है।

सभा मे पार्टी उपाध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह खुराना, सरदार जितेंद्र सिंह सोनू,सरदार इकबाल सिंह, सरदार इंद्रजीत सिंह संतगढ़, सरदार जसमीत सिंह पीतमपुरा सहित कई अन्य मौजूद थे।