1 लाख 26 हजार कि रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, पीडब्ल्यूडी का एक्सईएन ओर रिटायर्ड सहायक अभियंता गिरफ्तार

राजस्थान के जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है

आरोप में एक सहायक अभियंता द्वारा आरोप्वत लेने का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए संडे पर लगे एक सहायक अभियंता और एक एक्सइन को 1 लाख 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। मामला सातवी बटालियन आरएसी में क्वाटर्स के निर्माण के लिए जारी कार्यादेश के बिलों के भुगतान की एवज में आरोप्वत मांगने का है। खास बात यह है कि आठ अक्टूबर को ही एक्सईन अशोक कुमार कोरोनावायरस से आशंकित हो गया था।
दरअसल, भरतपुर में सातवीं बटालियन आरएसी में 35 क्वॉर्टर के निर्माण के लिए जारी कार्यादेश के बिलों के भूगतान के लिए आरोप्वत का एसीबी ने भंडाफोड़ किया है। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित जयकिशन से पंजीकृत पुलिस आवास निर्माण निगम लिमिटेड में संविदा पर लगे सहायक अभियंता गिर्राज सिंह चाहर ने बिलों के भुगतान के एवज में अपने लिए 2 प्रतिशत, डीजीएन एक्सईन अशोक कुमार के लिए 5 प्रतिशत और लेखा परीक्षा परीक्षा के कर्मचारियों के लिए। 0.50 प्रतिशत के हिसाब से एसीबी सत्यापन के समय 68 हजार प्राप्त कर रहे थे। फिर नए बिलो की राशि के भुगतान के लिए 1 लाख 26 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

जांच में हुआ खुलासा
एडिशनल एसपी चंचल मिश्रा के मुताबिक, एसीबी की पत्रों की जांच में इस मामले में कुछ अकांउट सेक्शन के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। एसीबी ने संविदा पर लगे सहायक अभियंता गिर्राज सिंह चाहर के घर से विभाग से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं। वास्तव में, आरक्षित पुलिस आवास निर्माण निगम लिमिटेड पुलिसकर्मियों के लिए क्वॉर्टर निर्माण का काम करता है। इसमें सहायता के लिए एक्सईन और एईएन को डेपुटेशन पर आरक्षित पुलिस आवासन निर्माण निगम लिमिटेड में लगाया गया है। इन दोनों अधिकारियों को भी इसी तरह काम के लिए लगाया गया था, लेकिन दोनों यहां अथर्वत का खेल खेल रहे थे। जांच में सामने आया है कि आठ अक्टूबर को ही एक्सईन अशोक कुमार कोरोना पॉजिटिव आया था। अब एसीबी ने फिर उसकी जांच कराई है।