स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री के पास होने के बावजूद इलाज को तरसते हैं ग्रामीण

सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के सुदूर गांव कोटी ढ़लानी और आसपास के क्षेत्रों की जनता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद आज भी इलाज के लिए तरस रही है.

ग्रामीणों के बुलावे पर गांव पहुंचे ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा और महासचिव भास्कर चुप के सामने ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा रखें. ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थानीय चिकित्सालय का सूचीकरण होने के बावजूद जनता को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती और उक्त संदर्भ में ग्रामीण विधायक से लेकर सीएम तक और बड़े बड़े अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं. ग्रामीणों ने बताया कि विधायक ने भी सीएमओ को उचित कार्यवाही हेतु कहा लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा.
उक्त में मात्र कुछ घंटे के लिए कभी आयुर्वेदिक चिकित्सक आता है तो कभी वार्ड बॉय तो कभी फार्मेसिस्ट. सुना है कि उक्त चिकित्सालय के चिकित्सक अन्य स्थानों पर अटैच हैं परंतु वेतन इसी चिकित्सालय से ले रहे हैं. चिकित्सालय परिसर में ही चिकित्सक फार्मेसिस्ट और वार्ड बॉय के लिए बकायदा रेजिडेंशियल रूम बने हुए हैं पर परंतु इन कमरों में कोई रहता ही नहीं. ग्रामीणों का कहना है कि उक्त रेजिडेंशियल कमरों के बिजली-पानी के कनेक्शन तक कट चुके हैं मगर नकारा जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के छोटे बड़े अधिकारी उक्त चिकित्सालय की सुध लेने को तैयार नहीं है. किसी को भी छोटी बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने पर या तो दूर प्राइवेट चिकित्सक के पास जाना पड़ता है या फिर विकासनगर या सहसपुर के अस्पताल जाना पड़ता है जोकि कई किलोमीटर दूर है और वहां जाने के लिए प्राइवेट वाहन भी करना पड़ता है जो हर किसी के बस की बात नहीं है
इस मौके पर ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा और महासचिव भास्कर चुग ने आक्रोश जताते हुए कहा कि ग्रामीणों की समस्या को लेकर सरकार से और स्वास्थ्य विभाग से लड़ा जाएगा और समस्या का हर हाल में समाधान कराया जाएगा. दुर्भाग्य की बात है कि स्थानीय विधायक की भी हैसियत ऐसी नहीं है कि वह एक प्राथमिक चिकित्सालय की भी व्यवस्था ठीक करा सकें.
शासन-प्रशासन के स्तर पर यदि समस्या का समाधान नहीं होता और स्वास्थ्य विभाग अपनी हरकतें नहीं सुधरता तो मजबूरन ह्यूमन राइट्स एंड आरटीआई एसोसिएशन उक्त प्रकरण को मानव अधिकार आयोग के समक्ष ले जाने को बाध्य होगी और यदि तब भी समाधान नहीं निकलता तो प्रदेश की कबाड़ स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर ह्यूमन राइट एंड आरटीआई एसोसिएशन माननीय हाईकोर्ट नैनीताल के समक्ष पीआईएल दायर करने को मजबूर होगी.
इस मौके पर हुई बैठक में पूर्णचंद श्याम सिंह विनोद कुमार श्रीमती कल्पना हरीश प्रेमलता मनोज विजय राम महेंद्र अनीता सूर्या रणवीर अर्जुन आदि मौजूद रहे