आत्मदाह करने जा रहे पत्रकार ऋषिकेश पाण्डेय व उनकी टीम को पुलिस ने लखनऊ जाने से रोका।

मऊ - जनपद में हुए फर्जी पासपोर्ट काण्ड की सीबीआई जाचं की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से जनपद के वरिष्ठ पत्रकार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ऋषिकेश पाण्डेय द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रहे अनुराग आर्या के खिलाफ एक अभियान छेड़ा था। उसी क्रम में श्री पाण्डेय द्वारा अपनी हत्या के प्रयास का भी आरोप लगाया था तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या के ऊपर। जिसको लेकर जनपद के पत्रकारों में भी काफी रोष दिखाते हुए धरना प्रदर्शन भी किया गया था। उसके बाद भी जब फर्जी पासपोर्ट मामले में कोई कार्यवाही होता न देख पत्रकार श्री पाण्डेय द्वारा पिछले महीनों 2 अक्टूबर 2020 गाँधी जयन्ती के दिन विधानसभा उत्तर प्रदेश के सामने आत्मदाह की चेतावनी देकर पूरे जनपद में सनसनी फैला दी। जैसे जैसे दिन करीब आने लगा और सरकार द्वारा कोई कार्यवाही होता न देख धीरे-धीरे श्री पाण्डेय के शुभचिंतक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिष्य भाजपा नेता सुजीत कुमार सिंह भी इस आन्दोलन में कूद पड़े। जैसे ही यह खबर अन्य लोगो को प्राप्त हुई इसी घोसी विधानसभा से प्रत्याशी विवेक राय गोलू ने भी अपना खुला समर्थन इस आन्दोलन के लिये दे दिया। जब श्री पाण्डेय की टीम मय सुजीत सिंह, विवेक राय गोलू, चन्दन, हिमांशु राय ने उत्तर प्रदेश की विधानसभा के सामने 2 अक्टूबर 2020 को पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम आत्मदाह करने के लिए जैसे ही जनपद के रेलवे स्टेशन पहुंचे। तबतक उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल के साथ क्षेत्राधिकारी नगर नरेश कुमार पहुच गये। क्षेत्राधिकारी द्वारा बताया गया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा कहा गया है कि श्री पाण्डेय टीम को अपने साथ समय दिया है तथा यह भी आश्वासन दिया गया कि उनकी मांग को अवश्य मान्य किया जायेगा। इस आश्वासन मिलने के पश्चात श्री पाण्डेय व उनकी टीम अपने घरों को लौट आयी और 2 अक्टूबर के आत्मदाह के कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया।