कुचामन सिटी_नगर पालिका अधिशासी अधिकारी चौधरी द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद के संबंध में भाजपा जिला मंत्री प्रकाश कुमावत ने पुलिस थाना को स्पष्टीकरण दिया

कुचामन सिटी।

नगर पालिका अधिशासी अधिकारी श्रवण कुमार चौधरी द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद के संबंध में भाजपा जिला मंत्री प्रकाश कुमावत ने बताया कि मैंने एसएचओ पुलिस थाना को स्पष्टीकरण दिया है कि अखबार में पढ़ा है कि मेरे विरुद्ध पुलिस थाने में परिवाद दर्ज कराया गया है। यह घटना दिनांक 14 सितंबर 2020 की है जिस के संबंध में आपको जानकारी है क्योंकि एक पत्रकार भी वहां उपस्थित थे। पलाड़ा निवासी प्रताप राम पुत्र नाथूराम की पट्टा बनवाने की दो पत्रावली या क्रमांक 499 /17-18 थी, उस वक्त जरिए एग्रीमेंट प्राप्त भूमि प्लाटों का नियमन होने का प्रावधान था इस कारण पूरी जांच-पड़ताल के पश्चात नगर पालिका द्वारा उसका निस्तारण कर राशि करीब ₹600000 दिनांक 29 मार्च 2019 को जमा ली जा चुकी थी। राशि जमा कराए करीब डेढ़ वर्ष हो गया परंतु ने अभी तक पट्टा नहीं दिया गया जबकि वे बार-बार नगर पालिका में आकर निवेदन करते रहे हैं फिर भी उन्हें पट्टा नहीं दिया गया ,न कोई कारण बताया गया, न कोई लिखित सूचना दी। इसका जिक्र मेरे समक्ष भी आवेदन कर्ता ने किया। जनप्रतिनिधि होने के कारण मैंने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी से निवेदन किया कि इतने लंबे समय से पट्टा नहीं दिया जाना उचित नहीं है। जबकि आवेदन कर्ता ने निस्तारण के बाद ही ₹600000 नगर पालिका में जमा कराएं, यदि उसमें कोई कमी रहती तो निस्तारण से पूर्व उसकी पूर्ति कराई जाती उसके बाद ही राशि जमा ली जाती परंतु इतनी बड़ी राशि जमा ली जाकर इन्हें पट्टा देने में एक कारण विलंब करना इस बात का द्योतक है कि उनसे अनुचित लाभ प्राप्त करने की चाह पालिका कर्मियों की प्रतीत हो रही है। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी वर्तमान में यहां के प्रशासक भी हैं जिसके बाद उनके व्यवहार में सरलता, गंभीरता एवं व्यवहार कुशलता की आवश्यकता है। शांत स्वभाव से सुनना चाहिए परंतु दिनांक 14 सितंबर 2020 को उनका व्यवहार अच्छा नहीं रहा। आवेदक प्रताप राम के आने के बाद भी उनका जवाब संतोषप्रद नहीं था जबकि हमारी तरफ से पूरी शालीनता थी, उसके चश्मदीद गवाह एक पत्रकार हैं। नगर पालिका प्रशासन द्वारा अपनी गलती छिपाने के लिए मेरे खिलाफ परिवाद दर्ज कराया गया है उसमें उन्होंने क्या लिखा है वही जाने। परंतु मैं अच्छा मानता हूं क्योंकि इसके जरिए आप पट्टानहीं दिए जाने की तह में जा सकेंगे। बेवजह विलंब कर आवेदन कर्ता के साथ किए जाने वाले अनुचित लाभ के मंसूबे उजागर हो सकेंगे। इतने लंबे अरसे से इस प्रकरण को लटकाए रखने के वे दोषी हैं। आप आवेदक को शीघ्र पटा दिलवाए ऐसा अनुरोध है।