बिना अखबार के रजिस्ट्रेशन के जिलाधिकारी को गुमराह कर अर्जित किया टेण्डर विज्ञापन।

सवालों के घेरे में जनपद का सूचना विभाग।

मऊ - मामला जनपद के बड़े ही होनहार, परम् विद्वान पत्रकारिता जगत में जनपद में इनके समक्ष क्षणिक भी कोई न टिकने वाला, कई सम्मानों से नवाजे गये हिन्द भास्कर के उप सम्पादक प्रवीण राय का आया है। यह परम विद्वान पत्रकार भाई साहब पहले दैनिक भास्कर लखनऊ संस्करण से मऊ जनपद के जिला सवांददाता थे। इनकी संस्थान के प्रति समर्पण को देखते हुए इन्हें बाद में वाराणसी संस्करण का स्थानीय सम्पादक सम्पादक इनके कथनानुसार बना दिया गया। अब जब संस्थान द्वारा इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के पत्रकार को संस्थान की बागडोर सौप दी तो संस्थान को तो आगे बढ़ना ही था। इनके मार्गदर्शन में दैनिक भास्कर वाराणसी संस्करण ने कुछ ही दिनों में इतना ज्यादा आगे बढ़ गया कि 8 मई 2020 को जी वाराणसी प्रशासन द्वारा वहाँ के प्रकाशक को सूचित करना पड़ गया कि दैनिक भास्कर मुख्यालय द्वारा वाराणसी संस्करण को बन्द किया जाता है। अब मामले की शुरुआत यही से होती है, चुकि जनपद जिलाधिकारी द्वारा टेण्डर विज्ञापन के लिए दो विकास खण्डो को दैनिक भास्कर का नाम चिन्हित किया था तो, परम् विद्वान पत्रकार श्री राय द्वारा जिलाधिकारी को यह अवगत कराया गया कि दैनिक भास्कर का डिक्लियरेशन न मिलने के कारण इसको हिन्द भास्कर के नाम से प्रकाशित किया जा रहा है। जब जनपद के एक वरिष्ठ पत्रकार महेश दुबे ने जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जनपद के सूचना विभाग से जब पांच बिन्दुओ पर जन सूचना मांगी गई तो मात्र एक सवाल का जवाब छोड़कर किसी भी सवाल का जवाब नही था। आईये जानते है कि वरिष्ठ पत्रकार श्री दुबे ने हिन्द भास्कर से वो कौन सा पांच सवाल किया कि जिसका विभाग के पास सिर्फ एक सवाल को छोड़ की का भी जवाब नही में दिया।
निम्नलिखित सूचनायें उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
1 - हिन्द भारकार नामक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के नवीनतम अंक सहित पिछले एक माह की प्रति।
उत्तर - 1 महोदय कृपया अपने पत्र दिनांक- 05.08.2020 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें। जो निम्नवत् है - हिन्द भास्कर नामक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र कार्यालय में कभी - कभी आता है।
2 - हिन्द भास्कर नामक हिन्दी दैनिक समाचार - पत्र को जनपद ब्यूरो प्रमुख का नाम एवं अधिकार पत्र की सत्यापित प्रति।
उत्तर - कार्यालय में इस समाचार पत्र से कोई अधिकार पत्र जमा नहीं है।
3 - हिन्द भास्कर का मऊ आने वाला संस्करण कहां से आता है एवं किस जगह से प्रकाशित होता है ?
उत्तर - कार्यालय में उपलब्ध नहीं है ।
4 - कृपया हिन्द भास्कर वाराणसी के स्थानीय सम्पादक एवं प्रकाशक का नाम भी उपलब्ध कराने की कृपा।
उत्तर - कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
5 - हिन्द भास्कर हिन्दी दैनिक अखबार के सत्यापित शीर्षक की सत्यापित प्रति या आर.एन.आई. नम्बर भी उपलब्ध कराने की कृपा करें।
उत्तर - कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
सूचना विभाग द्वारा रास्ता जरूर बताया गया कि इन सारे सवालों के जवाब तथा अधिक जानकारी हिन्द भास्कर समाचार पत्र वाराणसी के स्थानीय सम्पादक से ले सकते हैं। सूचना विभाग द्वारा दिया गया यह जवाब इस बात साफ दर्शाता है कि यह विभाग अपना कार्य ईमानदारीपूर्वक नही कह रहा। जब हिन्द भास्कर हिन्दी दैनिक अखबार के किसी भी सवांददाता का जब कोई पत्र ही नही जमा है तो फिर उसके टेण्डर नोटिस विज्ञापन की फाइल जिलाधिकारी के मेज तक कैसे पहुची और बिना की जांच के उक्त अखबार को किन नियमों के अंतर्गत विभाग द्वारा टेण्डर विज्ञापन के लिये मान्य किया गया। क्या सूचना अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को सूचित करना उचित नहीं लगा कि हिन्द भास्कर नामक अखबार का विभाग में कोई अभिलेख ही नही है।
समझ में ये नही आता कि, ये रिश्ता क्या कहलाता है।