टीएसपी क्षेत्र में व्यक्तिगत मजबूती की सख्त आवश्यकता-भगोरा

:ऑल इंडिया आदिवासी काग्रेस की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग

डूंगरपुर।टीएसपी क्षेत्र में व्यक्तिगत मजबूती की सख्त आवश्यकता है जिससे यहां के लोगो की माली हालत में सुधार सम्भव हो सके साथ ही सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी धरातल पर मिलना चाहिए उक्त बात बेलीह नायक तेजावत वाइस चेयरमैन व भक्तचरण दास ऑल इंडिया आदिवासी काग्रेस की मंगलवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में पूर्व सचिव AICC व पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने कही।साथ ही भगोरा ने कहा कि काग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो नेहरू जी से लेकर आज तक आमजन व एसटी,एससी एवम ओबीसी को आरक्षण के माध्यम से मूलभूत सुविधाओं को पहुचा रही है और भाजपा हमेशा ही आरक्षण का विरोध करते हुए छोटे वर्ग को झड़ से खत्म करना चाहती है लेकिन वर्तमान में देश के जो हालात है उसमें देखे तो जातिवादी प्रथा के अंतर्गत हर व्यक्ति को सुरक्षा मिलनी चाहिए फिर भी समय समय पर देखा गया है कि आए दिन एसटी व एससी के लोगो पर भयंकर अत्याचार होते रहते है जिसमे जहा जिस पार्टी की सरकार हो वहाँ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होने के साथ ही भविष्य में ऐसे अत्याचार नही हो इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए।भगोरा ने कहा कि आज भी देश मे जहा सरकारी स्कूल व कॉलेजो एवम अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण व्यवस्था के माध्यम से भर्तियां हो रही है लेकिन भाजपा राज में रेलवे,चिकित्सा व तकनीकी शिक्षा जैसे उपक्रम पीपी मोड़ पर जा रहै है वहा भी हर वर्ग की व्यवस्थाओं के आधार पर भर्तियां होनी चाहिए जिससे युवाओ के एज्युकेशन स्तर को बढ़ावा मिल सके। साथ ही हमेशा हमारी मांग रही है कि जनजाति का जो 13 प्रतिशत आरक्षण है उसमें सबसे ज्यादा जनजाति वर्ग का निवास टीएसपी क्षेत्र में है इसलिए 13 प्रतिशत आरक्षण मेसे 6.30 प्रतिशत पूरा का पूरा लाभ टीएसपी क्षेत्र को मिलना चाहिए जिससे हर गरीब को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।भगोरा ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में सार्वजिनक अवकाश घोषित किया है जो गहलोत सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है जिससे अग्रिम तैयारियों के साथ जनजाति परम्पराओं को आमजन तक पहुचाने में मदद मिलेगी।साथ ही भगोरा ने कहा कि 9 अगस्त ऑल इंडिया आदिवासी काग्रेस की ओर से होने वाले आदिवासी समारोह में कोरोना के संकट को ध्यान में रखते हुए सरकारी एडवाइजरी के साथ देश की नेता व अखिल भारतीय काग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी या अखिल भारतीय काग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति होनी चाहिए जिसमें जनजाति वर्ग की मुख्य समस्याओं की मांगों का एक एजेंडा बनाया जाए ओर पूरी सख्ती के साथ मांगो पर अमल किया जाना चाहिए जिससे भविष्य में उसे लागू कराने में मदद मिल सके।