चाइना पर भारी इंडियन राखी

दिलीप तोलानी

चाइना राखियों पर भारी है भारत की राखियां ।
बाजार में बिकने वाली चाइना राखियों का अब कोई भाव नहीं है।
इन दिनों बाजार में भारत में ही बनी राखियों की मांग है । व्यापारी भी भारतीय राखियों की ही बिक्री कर रहे हैं ।इससे पहले सस्ती और आकर्षक चाइना राखियां कम कीमतों में बाजार में बहुत अधिक मात्रा में बिकने आती थी लेकिन इस बार एक भी चाइना राखी बाजार में नजर नहीं आ रही है।
व्यापारियों का मानना है कि स्वदेश में निर्मित राखिया ₹5 से लेकर अधिकतम कीमत तक उपलब्ध है ।
राखियां सूती की डोर से लेकर चांदी की राखियों की मांग के अनुसार उपलब्ध हैं।
बहने द्वारा एक बार में कम से कम 10 से अधिक राखियां खरीदी की जाती है ।
करोना संकटकाल में राखी का बाजार अभी तेज नहीं हुआ है और यह त्यौहार भी इस बार सामान्य रूप से चला जाएगा ऐसा लगता है ।भाई बहनों का प्यार रक्षा सूत्र में जरूर नजर आता है दूरदराज रहने वाली महिलाएं आ तो नहीं सकेंगी लेकिन डाक के माध्यम से राखियों को भेजने की परंपरा अभी जारी है।
इस बार बाजार में राखियों की मांग के स्थिति को देखते हुए अपेक्षाकृत व्यापार कम है व्यापारियों ने माल भी कम लाया है। इस बार बाजार में गुजरात में बनी हुई राखियों की बिक्री अधिक है दिल्ली और कोलकाता से आने वाला माल इस बार कम ही आ सका है खुराना से प्रभावित दिल्ली और कोलकाता में राखी का बाजार भी कम कर दिया है।
सभी दुआ कर रहे हैं कि देश से कोरोना की बीमारी चली जाए और सभी हंसी खुशी त्यौहार मनाते हुए खुशहाल हो।