हत्या के षड़यंत्र का पर्दाफाश,24 घंटे में हत्याकांड से जुड़े आरोपी गिरफ्तार...

पेरोल पर छूट कर घर आए आदतन अपराधी की कल रात में तीन नकाबपोश युवकों ने गमछे से गला घोंटकर हत्या किये जाने की खबर नें पुलिस की नींद उड़ा दी। गांव में भी सन्नाटा पसर गया। पुलिसिया पूछताछ में मृतक की पत्नी नें भी नकाबपोश हत्यारों द्वारा उस पर भी जानलेवा हमला होना बताया और खुद की जान, भागकर बचानें का बयान देते हुए बेलगहना चौकी में अपराध दर्ज कराया।

कहते हैं पुलिस नें जब मृतक की कुंडली खंगाली तो पता चला कि मृतक आदतन बदमाश था शराब पीने के बाद गांव में गुंडागर्दी और घर पर भी पत्नी और बच्चों से मारपीट गाली गलौज दिया करता था, ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार उस पर हत्या सहित अन्य आपराधिक मामले दर्ज थे।पुलिस के सामने इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने का चैलेंज था पुलिस की जांच में शक की सुई बार बार मृतक की पत्नी के दिये बयान पर आकर रुक जाती मानों पुलिस को हत्यारों की तलाश यहां से ही आरंभ करनी चाहिए।घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव को दिये जाने पर उनके निर्देश पर श्रीमती रश्मित चावला, एसडीओपी थाना कोटा के निर्देशन में पुलिस जांच टीम तैयार कर आरोपियों की पतासाजी की गई।विवेचना दौरान हत्या के कारणों से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे,पता चला कि मृतक आदतन बदमाश व शराब पीने का आदि था जो आये दिन अपनी पत्नी व बच्चों से गाली गलौच व मारपीट करता था। पेरोल से छूटने के बाद भी उसकी आदत में सुधार नहीं हो रहा था। इसी बात से तंग आकर मृतक की पत्नी झूल बाई बैगा ने आपराधिक पंडयंत्र कर अपने पति को मारने के लिए अपने पड़ोसी चंदन सिंह बैगा व बहेरामुड़ा निवासी झंगल गोड़ की मदद ली। जहां झंगल गोड निवासी थाना कोटा अपने 2 अन्य साथियों कैलाश मार्को व अन्नु उर्फ सूर्यप्रकाश धुर्वे के साथ मिलकर अपराधिक पंडयंत्र के तहत चोरी छिपे रात में बाडी के रास्ते घर में प्रवेश कर मृतक के गले को गमछा से गला घोटकर हत्या कर दिये। और भाग कर छुप गए। हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना से संबंधित मोटसाईकिल व मोबाईल भी जप्त किया गया है।�बेलगहना चौकी अंतर्गत अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस टीम नें 24 घंटे के अंदर ही सुलझा लिया।

इसे सुलझाने में चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक दिनेश चन्द्रा, प्रधान आरक्षक 431. 800 आरक्षक 203, 887, 1401 की अहम भूमिका रही।