पॉपकॉर्न फर्नीचर ने मानसिक स्वास्थ्य पर वेबिनार आयोजित किया

शैक्षणिक संस्थानों के लिए फर्नीचर बनाने वाली देष की सबसे बड़ी कंपनी - पाॅपकाॅर्न स्कूल फर्नीचर ने कोविड-19 महामारी के दौरान बच्चों, किशोरों तथा व्यस्कों में एंग्जाइटी एवं भय को दूर करने के उद्देष्य से वेबिनार का आयोजन किया। यह ऑनलाइन सेमिनार मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता कायम करने के लिए कंपनी की ओर से शुरू किए गए एक माह के अभियान के तहत आयोजित किया गया।

इस वेबिनार सत्र का आयोजन पाॅपकाॅर्न फर्नीचर की संस्थापक एवं निदेषक सुश्री दीपिका गोयल की ओर से किया गया जबकि गुड कर्मा क्लिनिकल के डाॅ. रंजन घोश तथा स्प्रिंगडेल्स स्कूल की प्रिंसिपल डाॅ. अमीता मुल्ला वाट्टल ने इस सत्र का संचालन किया।

सत्र में स्प्रिंगडेल्स स्कूल, (दिल्ली), स्प्रिंगडेल्स स्कूल, (जयपुर), डीपीएस (भागलपुर), सनबीम स्कूल (वाराणसी) और रामजस स्कूल (दिल्ली) जैसे विभिन्न स्कूलों के छात्रों, प्रिंसिपलों और संकायों ने भाग लिया। इसके लिए करीब 600 पंजीकरण कराए गए जबकि छात्रों, प्राचार्यों, अभिभावकों और संकायों सहित लगभग 300 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। एक घंटे के वेबिनार के बाद इंटरेक्टिव सेशन हुआ।

पॉपकॉर्न फर्नीचर की संस्थापक और निदेशक सुश्री दीपिका गोयल ने कहा, पॉपकॉर्न फर्नीचर भारत का सबसे बड़ा स्कूल फर्नीचर प्रदाता है और हमारे पास 5 मिलियन से अधिक छात्र हैं जो हमारे संतुष्ट ग्राहक हैं। हम मौजूदा संकट के दौरान अपने ग्राहकों - बच्चों और उनके माता-पिता की सेवा करना चाहते थे। कोविड-19 के प्रकोप ने वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के मन में भी चिंता के स्तर को बढ़ा दिया है। तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करने के लिए हर व्यक्ति की क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित होते हैं। इसलिए, हमने पॉपकॉर्न फर्नीचर ने माता-पिता और बच्चों की मदद करने के लिए एक अभियान षुरू किया है। हमने गुड कर्मा क्लिनिक के डॉ. रंजन घोष के साथ भागीदारी की, जो अमेरिका के एक अनुभवी वयस्क और बाल मनोचिकित्सक हैं। यह अभियान स्वास्थ्य एवं वेलनेस के बारे में टिप्स को लेकर तीन सप्ताह तक चलेगा। बच्चों की मानसिक बेहतरी को सुनिश्चित करने के लिए इस कठिन समय में भय और चिंता का मुकाबला करने के तरीके के बारे में हम प्रतियोगिताओं, लेखों और सलाह के माध्यम से जागरूकता कायम कर रहे हैं।

गुड कर्मा के मनोचिकित्सक (एमडी) डाॅ. रंजन घोष ने कहा, स्कूल एवं शिक्षा के लिहाज से हम इतिहास के एक अभूतपूर्व दौर से गुजर रहे हैं। मैंने अपने करियर के आधे से अधिक हिस्से के दौरान शिक्षा में सभी की सहभागिता के लिए लड़ाई लड़ी है। बच्चों की सामाजिक एवं भावनात्मक बेहतरी को ध्यान में रखते हुए हमें उन तरीकों के बारे में अपने को अनुकूल बनाना होगा जिसमें शिक्षक घर बैठे माता-पिता एवं छात्रों को आनलाॅइन शिक्षा प्रदान करेंगे।

स्प्रिंगडेल्स स्कूल की प्रिंसिपल डाॅ. अमीता मुल्ला वाट्टल ने कहा, आत्म-संदेह, तनाव और अनिश्चितता की भावनाएं, किशोरों, माता-पिता, युवाओं और बुजुर्गाें को प्रभावित कर रही हैं। स्कूल और कॉलेज बंद हैं, हमारे पूजा स्थल बंद हो गए हैं। सप्ताहांतों और छुट्टियों के दौरान हम आनंद उठाने के लिए जिन सामाजिक समारोहों, त्योहारों, मूवी हॉलों, रेस्तरांओं और परिवारों के साथ मेलजोल का सहारा लेते हैं वे भी बंद है।