स्वयं सहायता समूह की महिलाऐं घर-घर से अनाज इक्कट्ठा कर रही, और लोगों को भी इस मुहिम में शामिल होने को प्रोत्साहित कर रही।

कोरोना महामारी से बचाव हेतु किये गए लॉक डाउन से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने की मुहिम में मंजरी फाउंडेशन और हिंदुस्तान जिंक द्वारा चलाये जा रहे सखी परियोजना के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं खासा जज्बा दिखाते हुए सेवाकार्य में लगी हुई है।


ये महिलाऐं सभी घर से अनाज इक्कट्ठा कर रही है और जो भी लोगों सक्षम हैं उनको इस मुहिम में शामिल होने को उत्साहित कर रही है।

मंजरी फाउंडेशन व हिन्दुस्तान जिंक द्वारा चितौड़गढ़,उदयपुर,राजसमन्द, भीलवाड़ा व अजमेर जिले में सखी परियोजना के अंतर्गत लगभग 120 गांवों में संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने एक नई मुहिम शुरू कर दी है।
जिसके अंतर्गत गांव में समूह सखी द्वारा अन्य लोगो को कोरोना महामारी से बचने के उपाय बताते हुए उन्हें बार बार हाथ धोने, मास्क लगाने व एक दूसरे से दूरी बना कर रखने के लिए जागरूक कर रही है।

इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिला अपनी क्षमता के अनुसार अनाज इक्कट्ठा कर रही है और इस अनाज से गांव में जरूरत मंद परिवारों की मदद कर इस आपदा में उनका सहारा बन रही है।


इस गतिविधि की शुरुआत कर इन महिलाओं ने 75 गांव में 6000 किलो गेंहूँ इक्कट्ठा कर लिया है और मंजरी फाउंडेशन द्वारा इन गेंहू के साथ जरूरत के अन्य सामान (दाल,चावल,तेल,मसालें व बिस्कुट) की मदद करते हुए 200 जरूरत मन्द परिवारों को ग्राम संगठन के माध्यम से राशन किट बांट दी गई है।

संकट की इस घड़ी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी एकता और संगठन का परिचय देते हुए ये संदेश दिया है कि यह अनाज इक्कट्ठा करने की मुहिम अभी शुरू की है इसे आगे भी जारी रखेंगे तथा अभी 3000 परिवारों तक राशन किट वितरण कार्यक्रम जारी रहेगा और 27 अप्रेल से चितौड़गढ़ जिले के गांव नरपत की खेड़ी में अपनी रसोई की शुरुआत कर करीब 300 जरूरत मंद लोगो तक खाने के पैकेट 15 दिन तक पहुचाये जायेगे और इसमें आंगनवाड़ी से जुड़े बच्चों, गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखते हुए उन तक खाना व फल पहुचाये जावेगे।

साथ ही संकट की इस घड़ी में अपना योगदान देते हुए इन महिलाओं ने ये साबित कर दिया कि वो किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है और हर संकट की घड़ी में साथ मिलकर चलने को तैयार है।