UP: नाकामी 'राजस्थान सरकार' की, सुने 'कोटा' से लौटे छात्रों की जुबानी 

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कोटा मे फंसे यूपी के छात्रों को लाने के लिए बसे भेजी थी। रविवार को कोटा से पहुंचे दर्जन भर छात्रों ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली मे राजस्थान की कांग्रेस सरकार की पोल खोल दिया। छात्र ने बताया कि लाकडाउन के 25 दिनो मे उसे खाने की सबसे बड़ी समस्या से दो चार होना पड़ा।

गौरतलब हो कि शिकोहाबाद डिपो की बस संख्या यूपी 83 एटी 9962 से 32 छात्र लाए गए हैं। बस चालक सिपाही राम ने बताया कि शनिवार शाम 6 बजे वो कोटा से बस लेकर चला था। रविवार सुबह उसने 6 बच्चों को उन्नाव मे उतारा है। जबकि 11 बच्चों को रायबरेली मे उतारा और 15 बच्चों को अमेठी मे उतारा जाएगा। उधर छात्रों के यहां पहुंचते ही स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी एलर्ट हो गए, सबसे पहले सभी छात्रों को पानी आदि मुहैया कराया। उसके बाद सभी छात्रों को क्वारेंटाइन सेंटर मे ले जाकर थर्मल स्कैनिंग कर क्वारेंटाइन किया गया है। इस संदर्भ मे कोटा से आए मेडिकल के छात्र सूर्यकांत से बात की गई तो उसने बताया कि खाने पीने की व्यवस्था सही नही थी। वैसे मेडिकल छात्र की बात इसलिए भी सही साबित हो रही है कि वो जो बात कह रहा था वो चीज उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। हां उसने ये अवश्य कहा कि बस मे आते समय बहुत राहत दी गई। सूर्यकांत ने बताया कि मै और मेरा भाई एक साथ वहा रहते थे।
वही थाना मिल एरिया के रतापुर का निवासी रविकांत कोटा मे रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था। उसने कहा के अब हम दुबारा वहां नही जाएंगे। छात्र का कहना है के हम मौत के मुंह से निकल कर आए हैं। वहां एक कोरोना संदिग्ध छात्र पाया गया था, उसके बाद से हम लोगों को भय हो गया था। बावजूद इसके हम लोगों की कोई केयर नही हो रही थी।