रायगढ़ से भी 17 विचाराधीन कैदी हुए रिहा बांटा गया प्रमाण पत्र

रायगढ़ जितेंद्र मिश्रा//कोरोना महामारी की आशंका को देखते हुए जेलों से 1500 विचाराधीन बंदी रिहा किये जा रहे हैं । प्रदेश की जेलों में बंद छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी ऐसे विचाराधीन बंदी/कैदी� जिनको किसी मामले में अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है या दी गई है उन्हें कुछ शर्तों के साथ जेलों से रिहा करने का निर्णय लिया गया। ऐसे विचाराधीन बंदी जिनके मामले की सुनवाई चल रही हो उन्हें 30 अप्रैल तक की निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी जायेगी। ऐसे बंदी जिन्हें सात साल तक की सजा सुनाई जा चुकी है और जेल में तीन माह या उससे अधिक की अवधि व्यतीत कर चुके हों उन्हें 30 अप्रैल तक पैरोल पर छोड़ दिया जायेगा।इन विचाराधीन बंदियों को अपना आवेदन अपने जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण में जिला जज की ओर से नियुक्त किये गये विशेष जजों के समक्ष प्रस्तुत करना था , इसके बाद रिहा करने की कार्रवाई की जा रही है । प्रदेश में इस फैसले से लाभान्वित होने वाले बंदियों की संख्या लगभग 1500 बताई गई है।इसी कड़ी में रायगढ़ जिला जेल से भी जिला विधिक सेवा प्रधिकरण के निर्देश पर लगभग 17 विचाराधीन बंदी आज रायगढ़ जेल से तबकी 4 विचाराधीन बंदी सारंगढ़ उप जेल से रिहा किए गए जिसमें की कुछ कैदी रायगढ़ शहर के थे तो कुछ दूरदराज ग्रामीण इलाकों के हैं ।
दूरदराज ग्रामीण इलाकों के कैदियों के सही सलामत घर पहुंचने की व्यवस्था भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया था इनके लिए विशेष वाहन की व्यवस्था कर इनको अपने घर तक छोड़ा गया और साथ ही सभी कैदियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया।
जैसे ही आज 21 विचाराधीन बंदी रिहा हुए जेल से सभी के चेहरे खिल उठे सभी ने दोबारा किसी प्रकार की गलती ना कर दोबारा जेल ना आने का भरोसा भी जेलर को दिलवाया साथ ही साथ कोरोनावायरस के मद्देनजर मास्क ओर सोशल डिस्टेंसिंग ओर लॉक डाउन का पालन करने का भी भरोसा जेलर को दिया, वही आसपास के कैदियों को लेने के लिए उनके परिवारजन भी पहुँचे थे।