पुरुंगा कोयला खदान जनसुनवाई स्थगित: अंबुजा सीमेंट्स के खिलाफ जनआवाज ने बदल दिया फैसला, ग्रामीणों में खुशी की लहर…

रायगढ़। धरमजयगढ़ क्षेत्र के पुरुंगा और समरसिंघा क्षेत्र में प्रस्तावित मेसर्स अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड की भूमिगत कोयला खदान को लेकर लंबे समय से चल रहा जनविरोध आखिरकार असर दिखा गया है। 11 नवंबर को प्रस्तावित पर्यावरणीय जनसुनवाई को प्रशासन ने अगली तिथि तक स्थगित कर दिया है। इस निर्णय से ग्रामीणों में राहत और खुशी की लहर है।

बीते कई सप्ताह से ग्रामीण लगातार कंपनी के विरोध में डटे हुए थे। उन्होंने साफ कहा था कि ?हम अपने जंगल, जमीन और पर्यावरण को किसी कीमत पर नष्ट नहीं होने देंगे। यह अधिकार हमें संविधान ने पेसा कानून के तहत दिया है।?

जनविरोध का आलम यह था कि सिर्फ पुरुंगा या आसपास के गांव ही नहीं, बल्कि पूरे धरमजयगढ़ ब्लॉक और रायगढ़ जिला तक में कंपनी के खिलाफ माहौल बन गया था। हाल ही में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष रायगढ़ जिला मुख्यालय पहुंचे और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी व धरना प्रदर्शन किया था।

ग्रामीण आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी मिला। पूर्व मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल और धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया खुद प्रदर्शन स्थल पहुंचे और ग्रामीणों के पक्ष में खुलकर बोले। दोनों नेताओं ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विकास के नाम पर पर्यावरण और स्थानीय जनजीवन की अनदेखी अस्वीकार्य है।

स्थगन आदेश की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया। उनका कहना है कि यह केवल एक जनसुनवाई नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व और भविष्य की रक्षा की लड़ाई थी, जिसमें जनता की एकजुटता ने विजय दिलाई।

जनसुनवाई स्थगित होने के बाद अब ग्रामीणों की निगाहें अगली तिथि और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है ? इस बार जनता ने अपनी आवाज बुलंद की है, और शासन को सुनना पड़ा है।