एनटीपीसी ऊंचाहार मे राजभाषा उत्सव : साहित्य और संगीत से सजी तीन दिवसीय सांस्कृतिक संध्या

रायबरेली।हिंदी पखवाड़ा वर्ष 2025 के अंतर्गत विशेष राजभाषा उत्सव का भव्य आयोजन स्थानीय डॉ.अंबेडकर सभागार में 21 से 22 सितम्बर तक किया गया।इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में साहित्य, नाटक और संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला। महोत्सव के दौरान हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु की चर्चित कृति पंचलाइट एवं मणि मधुकर की रचना किस्सा दुलारी बाई का मंचन प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा किया गया।इन नाट्य प्रस्तुतियों ने हिंदी साहित्य के यथार्थ पक्ष को जीवंत कर दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।साथ ही वाराणसी की सुप्रसिद्ध गायिका विदुषी वर्मा एवं टीम द्वारा ठुमरी एवं लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई।उनकी मधुर आवाज़ और संगीतमयी प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए,जिसका कर्मचारियों,महिलाओं और बच्चों ने भरपूर आनंद लिया।कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए माननीय कार्यकारी निदेशक श्री अभय कुमार श्रीवास्तव ने कहा राजभाषा उत्सव जैसे आयोजन न केवल हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हैं,बल्कि हमें आधुनिकता और परंपरा के अद्भुत संगम से भी जोड़ते हैं।रंगमंच की अग्रणी संस्था समूहन कला संस्थान समारोह के प्रथम दिन फणीश्वरनाथ रेणू की प्रसिद्ध कहानी पंचलाइट पर आधारित नाट्य प्रस्तुति का सफल मंचन प्रतिष्ठित निर्देशक राजकुमार शाह के निर्देशन में और मणि मधुकर की रचना किस्सा दुलारी बाई का।मंचन समारोह के दूसरे दिन रोज़ी मिश्राा के निर्देशन में हुआ।इस अवसर पर लेडीज़ क्लब की अध्यक्षा श्रीमती अनुपमा श्रीवास्तव ने कहा हिंदी सर्वजन की भाषा है,जिसमें साहित्य और संगीत की अपार धरोहर निहित है।आज का उत्सव इसका जीवंत उदाहरण है,जिसने हम सभी को आनंदित और रोमांचित किया।इस तीन दिवसीय आयोजन में महाप्रबंधक गण श्री डी के साहू एवं एस यू हरिदास के अलावा,अन्य विभागाध्यक्ष गण वरिष्ठ अधिकारियों, यूनियन एवं एसोसिएशन पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की और राजभाषा उत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।मंच पर अभिनय करने वाले कलाकारों में अक्षत कुमार ने गोधन,राजन कुमार झा नें कथावाचक,श्रेयसी सिन्हा ने गुलरी काकी, अभिषेक विश्वकर्मा ने सरपंच की भूमिका बखूबी अदा की।प्रभात कुमार ग्रामवासी,आलोक कुमार गुप्ता बटेसर,आकाश पाण्डेय पंच ने भी प्रभावित किया। मुनरी की भूमिका में मनी अवस्थी ने एक कुशल अभिनेत्री की संभावनाओं को सार्थक किया तो वहीं संगीत पक्ष में पवन पाठक ने हारमोनियम वादन,गौरव शर्मा ने रिदम वादन, वैभव बिन्दुसार ने कोरस गायन और रवि प्रकाश सिंह के कला पक्ष ने नाटक को ठोस धरातल प्रदान किया।