आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाए।

बरेली। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर में पैगंबर साहब की शान में गुस्ताखी और मुसलमानों पर हुए हमलों के बाद भी सरकार व न्यायपालिका ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मौलाना ने साफ कहा कि अगर एक हफ्ते के भीतर नफरत फैलाने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो मुस्लिम समाज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगा। तौकीर रज़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे पूरे देश के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि सिर्फ सनातन धर्म के प्रधानमंत्री बने हुए हैं। उन्होंने कहा हमने कभी बीजेपी का नमक नहीं खाया, हम अपने देश का नमक खाते हैं और हमेशा वफादार रहेंगे। लेकिन हमें हमारे धर्म पर अमल करने की आज़ादी चाहिए। पैगंबर साहब और कुरान का अपमान अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नेपाल-श्रीलंका का उदाहरण उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को श्रीलंका और नेपाल जैसी स्थिति में नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन यहां जनता में आक्रोश कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा अगर हालात ऐसे ही रहे तो जिस दिन मुसलमान और जनता सड़कों पर आ गए तो सरकार संभाल नहीं पाएगी। आगरा और बरेली के धर्मांतरण मामलों पर उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस मुसलमानों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करती है, लेकिन हिंदू संगठनों पर कोई केस दर्ज नहीं होता। इसे उन्होंने दोहरा कानून और दोहरा न्याय करार दिया। संतों के बयानों पर पलटवार जगद्गुरु रामभद्राचार्य के ?मिनी पाकिस्तान? और मुस्लिम महिलाओं को लेकर बयान का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संतों को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को बराबर का सम्मान दिया गया है और पैगंबर साहब ने बेटियों की इज्ज़त करने वालों को जन्नत का हकदार बताया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तौकीर रज़ा ने जिला प्रशासन और केंद्र सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि अगर नफरत फैलाने वाले संगठनों और नेताओं पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। उन्होंने हम दंगा-फसाद नहीं चाहते, लेकिन हालात नहीं सुधरे तो नतीजे गंभीर होंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।