पीएम आवास योजना में रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप, कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश

जांजगीर-चांपा:जिले के पामगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत महका में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMGAY) के तहत गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है, जिसने योजना की पारदर्शिता और उद्देश्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के रोजगार सहायक शशि टंडन ने 10 से 15 वर्ष पुराने पक्के मकानों को योजना के लाभार्थी सूची में दर्शाकर न केवल पात्रता नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि संबंधित उपभोक्ताओं के नाम पर लाखों रुपये का आहरण भी करा लिया।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का स्पष्ट प्रावधान है कि यह लाभ केवल उन ग्रामीण परिवारों को दिया जा सकता है जिनके पास पक्का मकान नहीं है, या जिनका मकान कच्चा अथवा जर्जर स्थिति में है। अधिनियम और दिशा-निर्देशों के अनुसार, लाभार्थी चयन की प्रक्रिया ग्राम सभा की अनुशंसा, पात्रता जांच, भू-सत्यापन और डिजिटल रिकॉर्ड अपलोड करने के बाद ही पूर्ण होती है। ऐसे में पुराने पक्के मकानों को लाभार्थी सूची में शामिल करना सीधे-सीधे योजना की पात्रता शर्तों का उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में कई बार लिखित व मौखिक शिकायतें की गईं, किंतु न तो पंचायत स्तर पर और न ही जनपद या जिला स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई हुई। आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण रोजगार सहायक के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह खुलेआम योजना में गड़बड़ी कर रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से उच्च अधिकारियों एवं शासन-प्रशासन के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे।

यह मामला न केवल प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की साख पर चोट करता है, बल्कि ग्रामीण विकास विभाग की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में तत्काल वित्तीय अनियमितता की जांच, दोषियों की सेवा से बर्खास्तगी और वसूली की कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचे और ग्रामीणों का भरोसा बहाल हो सके।

Citiupdate के लिए समीर खूंटे की रिपोर्ट