राजस्व अधिकारी गए तीन दिवसीय हड़ताल पर: तहसील कार्यालय में कामकाज हुआ प्रभावित

CITIUPDATE NEWS(संतोष सारथी)कोरबा-छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ 17 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल पर है। जिसके कारण तहसील कार्यालयों में कामकाज पर असर देखने को मिला , दूर दराज से पहुंचे लोग भी निराश होकर तहसील कार्यालय से वापस लौटते दिखे।

जिले के राजस्व अधिकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार "संसाधन नहीं तो काम नहीं" के सिद्धांत पर हड़ताल पर बैठे हैं, संघ ने राज्य सरकार को संसाधन एवं अपनी मांगों को पूरा करने हेतु 26 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया था मगर बात नहीं बनने पर राजस्व अधिकारी सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन में बैठ गए हैं।

संघ ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों में तहसीलों में आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति, शासकीय वाहन उपलब्धता, डिप्टी कलेक्टर पदोन्नति पर 50:50 अनुपात रखने,नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित दर्जा देने, न्यायालयीन कार्य के लिए अलग प्रोटोकॉल ड्यूटी व्यवस्था, ग्रेड पे सुधार, और एसएलआर/एएसएलआर की बहाली जैसी मांगें प्रमुखता से उठाई हैं।

तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के आंदोलन पर जाने से तहसील कार्यालयों में आम लोगों से जुड़ी कई सेवाएं प्रभावित हुई। जैसे जमीन संबंधी काम के साथ ही नामांतरण, बंटवारा, खसरा-खतौनी की प्रतिलिपि, जाति-आय और निवास प्रमाण पत्र के साथ ही सीमांकन और न्यायालयीन कार्य प्रभावित हुए।


संघ के प्रांतीय अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरें का कहना है कि उनके द्वारा शासन से लंबे समय से अपनी समस्याओं को दूर करने की मांग की जा रही है। संघ की ओर से पहले भी शासन-प्रशासन को बार-बार इन मांगों से अवगत कराया गया है। लेकिन, कोई ठोस पहल न होने की स्थिति में अब प्रदेशभर के राजस्व अधिकारियों को आंदोलन की राह पर उतरना पड़ा है।