डिजिटल इंडिया के 10 वर्षों की यात्रा को लेकर किसान नेता देवस्वरूप पटेल के विचार

आज मैं आपके समक्ष "डिजिटल इंडिया के 10 वर्षों की यात्रा" पर कुछ विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। इस अवसर को मैं "डिजिटल दशक: भारत की नई पहचान" का नाम देना चाहता हूँ, क्योंकि पिछले 10 वर्षों में हमारे देश ने डिजिटल क्षेत्र में जो क्रांति की है, वह अद्वितीय और ऐतिहासिक है।

साल 2015 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था भारत को एक डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना।

आज 10 वर्षों बाद, हम गर्व से कह सकते हैं कि डिजिटल इंडिया सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है।

आज गाँव-गाँव में इंटरनेट पहुँच चुका है। किसान अपने मोबाइल से मौसम की जानकारी ले रहे हैं, विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, सरकारी सेवाएँ मोबाइल ऐप्स पर मिल रही हैं, और डिजिटल पेमेंट अब हर चायवाले के पास उपलब्ध है।

आधार कार्ड, डिजिलॉकर, भीम ऐप, यूपीआई, उमंग ऐप, और कॉमन सर्विस सेंटर्स? ये सभी इस क्रांति के मजबूत स्तंभ हैं।
भारत आज दुनिया में सबसे तेज़ डिजिटल भुगतान करने वाला देश बन गया है।

लेकिन यह यात्रा सिर्फ तकनीकी उन्नति की नहीं थी, यह विश्वास और समान अवसरों की भी यात्रा थी। डिजिटल इंडिया ने गरीब और अमीर के बीच की दूरी कम की है, और यह सिद्ध किया है कि डिजिटल शक्ति ही सच्ची लोकतांत्रिक शक्ति है।

अंत में, मैं यही कहना चाहूँगा कि

> ?डिजिटल इंडिया ने भारत को नई पहचान दी है,
अब हर नागरिक की पहुँच सरकार तक सीधी हुई है।
तकनीक बनी ताकत, और साथ में तरक्की भी आई है,
ये सिर्फ एक दशक नहीं, ये भारत की नई ऊँचाई है।?

जय हिंद।
धन्यवाद।