धर्म वीर मीना ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया

धर्म वीर मीना ने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया

धर्म वीर मीना महाप्रबंधक - पश्चिम रेलवे एवं मध्य रेल

मध्य रेल के महाप्रबंधक धर्म वीर मीना ने मंगलवार, 1 जुलाई,को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

धर्म वीर मीना भारतीय रेल सिगनल इंजीनियर्स सेवा (IRSSE) के 1988 बैच के अधिकारी हैं। आपने 1988 में एम.बी.एम. इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में बी.ई. की डिग्री प्राप्त की है तथा आपके पास कानून में मास्टर्स डिग्री भी है। आप मार्च, 1990 में रेलवे में शामिल हुए और आपने दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे और मध्य रेल में फील्?ड और मुख्यालय दोनों में कई भूमिकाओं में कार्य किया है। आपके कार्यकाल की खासियत यह रही है कि आपने सिगनलिंग परियोजनाओं और विभिन्न मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं, सुरक्षा कार्यों से जुड़े सिगनलिंग कार्यों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है।

मीना ने 1992 में दक्षिण पूर्व रेलवे में सहायक सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, शहडोल के रूप में चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के साथ अपना कैरियर शुरू किया और 1998 तक मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, बिलासपुर और वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, खुर्दा रोड के रूप में काम किया। इसके बाद, पश्चिम रेलवे में आपने विभिन्न क्षमताओं में काम किया, जिसमें प्रणालियों की समग्र विश्वसनीयता में सुधार, सिगनलिंग प्रतिष्ठान, सिगनलिंग कार्य, रिकॉर्ड मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से जुड़े (जिसमें विरमगाम जंक्शन-सामाख्?याली जंक्शन और सुरेन्द्रनगर-राजकोट, अहमदाबाद-महेसाणा जंक्शन का दोहरीकरण सह-गेज परिवर्तन शामिल हैं)। आपके अथक प्रयासों से प्रति सप्ताह एक से अधिक इंस्टॉलेशन चालू किए गए। नवाचार पद्धतियों और भविष्य की तकनीकों के अनुकूलन द्वारा गतिशीलता, थ्रूपुट वृद्धि कार्य उनके कार्यकाल की परिभाषित विशेषता थी। अहमदाबाद मंडल के वडनगर और विसनगर के बीच पहला एम्बेडेड ब्लॉक पूरा करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। आपने 2020 में भारतीय रेल सिगनल इंजीनियरिंग मैनुअल (IRSEM) समीक्षा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।

पश्चिम मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य सिगनलिंग एवं दूरसंचार इंजीनियर (PCSTE) के रूप में आपने रिकॉर्ड समय में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) [994 मार्गों के न्यू कटनी जंक्शन (NKJ) के मेगा यार्ड, स्वचालित सिगनलिंग कार्य (SBS), लेवल क्रॉसिंग (LC) इंटरलॉकिंग कार्य, मैकेनिकल सिगनलिंग आदि का उन्मूलन सहित] सहित मथुरा जंक्शन से नागदा जंक्शन तक 548 किलोमीटर तक कवच कार्यों को सफलतापूर्वक स्थापित किया। आपने माननीय रेल मंत्री के निर्देशानुसार स्थापित 'कवच कार्य समूह' का भी नेतृत्व किया, जिसमें भारतीय रेल में कवच के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए अनुभव साझा करने और सहयोग के लिए कवच को लागू करने में आपकी प्रमुख पहलों पर विचार किया गया।

इसके बाद, मध्य रेल में प्रमुख मुख्य सिगनलिंग एवं दूरसंचार इंजीनियर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आपने इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) [सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) सहित], स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग (SBS), एक्सल काउंटरों द्वारा ब्लॉक साबित करना (BPAC), गति बढ़ाना, मल्टीट्रैकिंग परियोजनाएं, परिचालन बाधाओं को दूर करना, लेवल क्रॉसिंग इंटरलॉकिंग और क्लोजर वर्क्स, गतिशीलता और थ्रूपुट वृद्धि कार्यों सहित रिकॉर्ड 88 सिगनलिंग और संबंधित स्थापनाएं 126 दिनों के भीतर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। आपके नेतृत्व में मध्य रेल कवच को लागू करने वाला पहला रेलवे बन गया है, जिसका कार्य पूरे क्षेत्रीय नेटवर्क के लिए तेज़ गति से चल रहा है, जो भारतीय रेल में पहला है। दोहरीकरण, मल्टीट्रैकिंग और क्षमता वृद्धि में अब तक की सबसे अच्छी प्रगति उनके कार्यकाल के दौरान हासिल की गई है। मध्य रेल के प्रमुख यार्डों में ट्रैफिक कंजेशन को कम करने, गतिशीलता बढ़ाने, अतिरिक्त/नई ट्रेनों की शुरुआत आदि के लिए विभिन्न कार्यों की योजना, क्रियान्वयन सबसे तेज़ गति से चल रहा है।

अपने विभिन्न कार्यकालों के दौरान आपने बेहतर सूचना वितरण द्वारा यात्री सुविधा में सुधार और वृद्धि के लिए यात्री सुविधा कार्यों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया है।

वर्ष 2009 से 2014 तक पश्चिम रेलवे में उप मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में आपने संगठन की अखंडता, पारदर्शिता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सतर्कता को सुधारात्मक और रचनात्मक उपकरण के रूप में उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा सतर्कता प्रणाली सॉफ्टवेयर (IRIVINS) को लागू किया। इन प्रयासों की सराहना करते हेतु वर्ष 2013 में आपको माननीय रेल मंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मीना ने INSEAD, सिंगापुर और ICLIF, मलेशिया में उन्नत प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम और ISB, हैदराबाद में रणनीतिक प्रबंधन कार्यशाला में भाग लिया है।

ये योगदान भारतीय रेल को उच्च सुरक्षा मानकों और उन्नत, स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी प्रणालियों के साथ परिवहन में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने की व्यापक रणनीति के हिस्सा हैं।