श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुन श्रोता हुए निहाल

भगवान के नाम स्मरण मात्र से प्राणी का कल्याण संभव है - वेणुगोपाल दास महाराज

वृंदावन, श्रीधाम वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित चैन बिहारी कुंज आश्रम में श्री निकुंज वासी सदगुरुदेव भगवान का दिव्य 38 वां वार्षिक महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। भागवत कथा के चतुर्थ दिवस व्यास पीठ से बोलते हुए महंत वेणु गोपाल दास महाराज ने राजा बलि की कथा श्रवण कराया गया जिसमे वामन अवतार का भी दर्शन करवाया। श्री कृष्ण जन्म उत्सव के विशेष अवसर पर भागवत कथा की शुरुआत राघव सरकार के विवाह उत्सव और जनकपुर के राम सीता की विवाह के उत्साह पर चर्चा की और महाराज जी ने खूब गीत गाये, उसके बाद अगस्त ऋषि की कथा और राम कथा का सूक्ष्म समापन रावण वध के साथ और राज्याभिषेक से समापन किया।
फिर चंद्र वंश की कथा में प्रवेश करते हुए कृष्ण-भक्ति दोहे के साथ भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की बधाई सुन सभी भक्त नाचे और गाने लगे।

आज के समय में बच्चों के लालन-पालन को लेकर उन्होंने कहा कि जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है तो संकल्प लेना जरूरी है हर बच्चे को अपने माता-पिता की बातों को मानना चाहिए और सबसे बड़ा भगवान माता-पिता ही होता है जिनके ऊपर माता-पिता का आशीर्वाद है उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है साथ-साथ हर एक माता-पिता को चाहिए अपने साथ अपने बच्चों को भागवत कथा हो सत्संग हो कीर्तन हो अपने साथ जरूर लाना चाहिए क्योंकि धर्म की कथा सुनने से बच्चों में संस्कार अच्छी आती है अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिए भगवान के प्रति अन्य विश्वास रखना चाहिए। भागवत में मुख्य रूप से राष्ट्रीय संत विजय कौशल दास जी ,सच्चिदानंद दास जी, लाड़ली शरण जी, गोलोक पीठाधीश्वर गोपाल शरण जी, सुंदर दास जी, सुतीक्ष्ण दास जी, फूलडोल दास, योगेश वर्मा, ऋषिराम शर्मा, प्रमोद माहेश्वरी, बिहारीलाल अग्रवाल, नीरज माहेश्वरी, बालकृष्ण अग्रवाल, स्वामसिंह चौहान, महेश अग्रवाल, रघुनंदन सोनी आदि मौजूद रहे।