शोभा यात्रा मे उमड़ा जन सैलाब ।

राजसमन्द

माद । 15 सितम्बर श्रीचारभुजानाथ के द्वार भाद्रपद शुक्ल पक्ष जलझूलनी एकादशी पर शनिवार को भगवान चारभुजा माद में जलझूलनी एकादशी पर प्रभु के बाल स्वरूप को पालकी में बिराजित कर तालाब पर ले जाया गया। यहा पुजारी व श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शाही स्नान करवाया गया। प्रभु की भोग आरती के बाद भगवान की बाल प्रतिमा की शोभायात्रा भगवान के गर्भगृह से पालकी मे बिराज मान करके निकली गई। मधुर ध्वनि के साथ गणी खम्मा के जयकारों के साथ मंदिर प्रांगण में आई। शोभायात्रा के साथ मेवाड़ी वेशभूषा में मेवाड़ी पाग, धोती कुर्ते पहने चल रहे । प्रभु की एक झलक पाने के लिए मंदिर चौक की छतें व ग्राम के खचा खच भरे थे। इस दौरान श्रृद्धालुओं ने खूब अबीर गुलाल उड़ाई। जगह-जगह प्रभु के बेवाण पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा के सबसे आगे डीजे पर पर श्रृद्धालु नाचते हुए चल रहे थे। दर्शनार्थी चारभुजा नाथ की जय, छौगाला छैल की की जय, जय, प्रभु आपकी जय हो.... चारभुजा गढ़बोर नाथ- छोगाला थारी..., प्रभु आपकी जय हो का उद्घोष करते हुए झूम रहे थे। भगवान की सेवा करने वाले स्थानीय पुजारी विभिन्न कार्यकर्ता में पूरी तरह मुस्तैद था फिर भी दर्शनार्थियों की भारी भीड़ के चलते धक्कामुक्की होती रही। धर्मनगरी की सरहदें श्रद्धा के रंग में रंगी भक्तों की टोलियों के जयकारों से गूंज उठी। नगर भ्रमण को निकले ठाकुरजअबीर से रंगी राह पर भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालु जयकारे लगाते आगे बढ़ रहे थे। साथ ही हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की... के जयकारों के साथ बेवाण विभिन्न मार्गों से होते हुए तालाब की ओर बढ़ गया। गुलाल अबीर से खेलने की अनूठी परंपरा के चलते शोभायात्रा में पहुंचा हर शख्स पूरी तरह से लाल रंग में सराबोर हो गया। करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने किए स्नान दर्शन ।