तो सिर्फ पैसा ही है वन दरोगा महेंद्र बाबू का ईमान व धर्म वन दरोगा महेंद्र बाबू के संरक्षण में वनमाफियाओं की बल्ले-बल्ले*

  1. तो सिर्फ पैसा ही है वन दरोगा महेंद्र बाबू का ईमान व धर्म

2...वन दरोगा महेंद्र बाबू के संरक्षण में वनमाफियाओं की बल्ले-बल्ले

3...पैसे दो,एक नहीं 10 पेड़ काटो,वन दरोगा कर देंगे नजरंदाज वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लकड़ी माफियाओं से प्रति पेड़ वसूलते हैं मोटी रकम क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटान से भविष्य में आम आदमी की जिंदगी को भारी खतरा।

( नितिन शुक्ला )

सरेनी(रायबरेली)!दैवीय आपदाओं एवं विभीषिकाओं से बचाने के लिए वनों का संरक्षण तथा पेड़-पौधे लगाने के लिए सरकारें प्रयास कर रही हैं,लेकिन पेड़ों की कटाई को रोकना बड़ा मुश्किल है!पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन प्रशासन पौधरोपण कराता है!इसके बावजूद वन विभाग की मिलीभगत व शह से हरे पेड़ों की कटान हो रही है!सरेनी क्षेत्र में वन विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों की कटाई का क्रम जारी है!सरेनी स्थित विभिन्न गांवों में वन दरोगा की सरपरस्ती में हरे पेडों की कटान कराई जाती है और इस एवज में वन दरोगा मोटी रकम वसूल कर अपनी जेब भर रहे हैं!ट्रैक्टर-ट्राली पर लादकर लकड़ी को आरा मशीनों पर पहुंचाया जा रहा है!ऐसा नहीं है कि विभाग इन सब बातों से अनजान है!आरोप है कि लकड़ी माफिया विभागीय लोग मिल-जुलकर हरे पेड़ की कटाई के खेल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं! अगर यही हालात रहा तो क्षेत्र पेड़ों से खाली हो जाएगा!पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये पेड़-पौधों का होना आवश्यक है!उसके लिये सरकार द्वारा बड़े-बड़े स्लोगन लिखवाए जाते हैं,प्रचार-प्रसार किया जाता है!पौधे लगाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं,पर सच यह है कि पेड़ तो कम लगते हैं अलबत्ता उनकी कटाई जोरों पर हो जाती है!हरे पेड़-पौधों की कटाई से अवैध कमाई तो लकड़ी माफियाओं के साथ-साथ विभाग को भी होती है!सूत्र बताते है कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लकड़ी माफियाओं से प्रति पेड़ मोटी रकम वसूलते हैं! जिस तरह से क्षेत्र में हरे पेड़ों की कटाई हो रही है,इसके भयावह परिणाम से आम आदमी की जिंदगी को भारी खतरा है! वन दरोगा महेंद्र बाबू वसूलते हैं मोटी रकम जहां एक तरफ हरे प्रतिबंधित पेडों की कटान को लेकर सरकार सख्त है वहीं सरेनी में वन दरोगा महेंद्र बाबू सरकार की सख्ती को ठेंगा दिखाते हुए वनमाफियाओं को खुली छूट दे रखी है!वन दरोगा महेंद्र बाबू उच्चाधिकारियों को गुमराह करने में भी माहिर हैं!वन दरोगा महेंद्र बाबू अपने कार्यक्षेत्र में वनमाफियाओं को संरक्षण देने में भी कोई कोर कसर नहीं छोंड़ते हैं और ऐसा हो भी क्यों न,साहब इस एवज में जो मोटी रकम वसूलते हैं!सूत्रों की मानें तो क्षेत्र में प्रायः सभी अवैध कटानों की जानकारी वन दरोगा महेंद्र बाबू को होती है बावजूद वनमाफियाओं द्वारा मोटी रकम देकर उनके ईमान व जमीर को खरीद लिया जाता है!आलम तो यह है कि सूचना देने के बाद भी वन दरोगा महेंद्र बाबू वनमाफियाओं से सांठगांठ कर उनके मनमाफिक कार्यवाही कर मामले में इतिश्री कर लेते हैं!अब देखना अहम होगा कि खबर प्रकाशित होने के बाद ऐसे भ्रष्ट वन दरोगा पर कुछ कार्यवाही होती है या फिर इन्हें जीवनदान देते हुए हरे प्रतिबंधित वृक्षों की कटान करवाने का लाइसेंस दे दिया जाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा!