सुकमा से दिल दहला देने वाली बड़ी खबर: IED ब्लास्ट में ASP आकाश राव गिरिपुंजे शहीद, SDOP-TI घायल

रिपोर्ट: समीर खूंटे, CitiUpdate

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से एक बेहद दुखद और गंभीर खबर सामने आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी (IED) विस्फोट में एडिशनल एसपी (ASP) आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए हैं। यह हमला तब हुआ जब वे कोंटा क्षेत्र में एक नए सुरक्षा कैंप की स्थापना के बाद लौट रहे थे।

### क्या हुआ घटनास्थल पर?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, घटना कोंटा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मार्ग पर घटी, जहां नक्सलियों ने पहले से ही IED बिछा रखी थी। ASP गिरिपुंजे और उनकी टीम गोलापल्ली मार्ग से लौट रही थी। तभी सड़क के किनारे छिपाए गए विस्फोटक में जबरदस्त धमाका हुआ।

विस्फोट में ASP गंभीर रूप से घायल हो गए। तुरंत उन्हें कोंटा स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। यह राज्य पुलिस बल के लिए एक बड़ा नुकसान है।

### अन्य अधिकारी भी घायल

इस घटना में ASP के अलावा एसडीओपी (SDOP) और थाना प्रभारी (TI) भी घायल हुए हैं। उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद विशेष इलाज के लिए रेफर किया गया है।

### जेसीबी जलाने की जांच करने निकले थे अधिकारी

जानकारी के अनुसार, नक्सलियों द्वारा हाल ही में की गई एक जेसीबी जलाने की घटना की जांच करने के लिए ASP और अन्य अधिकारी मौके पर गए थे। इस दौरान उन्होंने नए सुरक्षा कैंप की स्थापना भी की और वापसी के दौरान यह घातक हमला हुआ।

### नक्सली हिंसा का एक और काला अध्याय

सुकमा और खासकर कोंटा क्षेत्र लंबे समय से नक्सली हिंसा का गढ़ बना हुआ है। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के बावजूद नक्सली घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस घटना से फिर एक बार यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सली अब भी सक्रिय और घातक हमले करने में सक्षम हैं।

### राज्य स्तरीय प्रतिक्रिया की संभावना

ASP गिरिपुंजे की शहादत पर राज्य सरकार और पुलिस विभाग की ओर से संवेदना व्यक्त की गई है।मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा जल्द ही बयान जारी किए जाने की संभावना है। साथ ही घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए जा सकते हैं।

CitiUpdate की ओर से शहीद आकाश राव गिरिपुंजे को श्रद्धांजलि।

यह हमला न सिर्फ सुरक्षा बलों के मनोबल पर चोट है, बल्कि यह पूरे राज्य के लिए एक चेतावनी भी है कि माओवादी खतरा अब भी जिंदा है।

रिपोर्ट: समीर खूंटे, CitiUpdate, कोरबा